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रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच ठनी, स्टोर से कब्जा वापस लेने के लिए कदम उठायेगा बिग बाजार

एफआरएल ने यह भी कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट और अमेजन के सार्वजनिक नोटिस में गलत जानकारी दी गयी है

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 17, 2022 11:57 IST
Big Bazaar - India TV Paisa
Photo:FILE

Big Bazaar 

नयी दिल्ली। किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लि.(एफआरएल) ने बुधवार को कहा कि वह रिलायंस रिटेल से अपने स्टोर वापस लेने के लिए ‘प्रतिबद्ध’ है और जरूरत के अनुसार मूल्य समायोजन को लेकर आवश्यक सभी कार्रवाई करेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि रिलायंस समूह का उसकी दुकानों का अधिग्रहण उसके लिये ‘अचंभित’ करने वाला कदम है। एफआरएल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी दुकानों को कब्जे में लेने के कदम ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के दिसंबर, 2021 के आदेश के बाद बने सकारात्मक परिदृश्य को ‘जटिल’ बना दिया है।

कंपनी ने कहा, ‘‘एफआरएल और उसका निदेशक मंडल रिलायंस समूह द्वारा मूल्य समायोजन और अधिग्रहीत की गई दुकानों (पट्टों) को वापस लेने के लिए आवश्यक सभी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एफआरएल और उसका निदेशक मंडल एक व्यवहारिक समाधान पर पहुंचने के लिए कदम उठा रहा है जो सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा।’’ उल्लेखनीय है कि रिलायंस रिटेल ने फरवरी की शुरुआत में एफआरएल की कम-से-कम 300 दुकानों के परिचालन को अपने नियंत्रण में ले लिया था और उसके कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश की थी।

बियानी समूह के दुकान मालिकों को किराया भुगतान नहीं करने के बाद रिलायंस रिटेल ने यह कदम उठाया था। एफआरएल के अनुसार, ‘‘कंपनी और उसके निदेशक मंडल ने रिलायंस समूह के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जतायी थी तथा रिलायंस समूह को नोटिस देकर पिछले कुछ दिनों में उसके द्वारा उठाए गए कदमों पर पुनर्विचार करने को कहा था।’’ कंपनी के निदेशक मंडल ने रिलायंस समूह को यह भी सूचित किया कि बुनियादी ढांचा, माल भंडार आदि समेत एफआरएल से संबंधित संपत्तियां इन दुकानों के अंदर पड़ी है। इसे एफआरएल के कर्जदाताओं के पक्ष में सुरक्षित रखा जाए।

उसने कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने रिलायंस समूह से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सुरक्षित संपत्तियों का कब्जा हस्तांतरित नहीं किया जाए और कर्जदाताओं के लाभ के लिये उसे सुरक्षित रखा जाए।’’ एफआरएल ने यह भी कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट और अमेजन के सार्वजनिक नोटिस में गलत जानकारी दी गयी है कि कंपनी ने अपनी खुदरा संपत्तियां रिलायंस को सौंप दी है और यह मध्यस्थता न्यायाधिकरण एसआईएसी (सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र) तथा उच्चतम न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है। उसने कहा, ‘‘इस प्रकार की सूचना पूरी तरह से गलत और तथ्यों से परे है।’’

एफआरएल ने कहा, ‘‘कंपनी ने अपनी दुकानें रिलायंस समूह को नहीं सौंपी हैं। इसके उलट एफआरएल के निदेशक मंडल ने दो बैठकों कीं और रिलायंस समूह से कहा कि दुकानों का एकतरफा तरीके से अधिग्रहण अचंभित करने वाला कदम है। साथ ही यह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के दिसंबर, 2021 के आदेश के बाद बने सकारात्मक परिदृश्य को ‘जटिल’ बना दिया है।’’ उल्लेखनीय है कि अमेजन ने मंगलवार को अखबारों में जारी सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया कि एफआरएल और उसके प्रवर्तकों ने गुपचुप तथा गलत तरीके से अपनी दुकानें रिलायंस को सौंपकर भारत की अदालतों और सिंगापुर के मध्यस्थता केंद्र के साथ धोखाधड़ी की है। 

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