
भारतीय शेयर बाजार में एक और कंपनी लिस्ट होने की तैयारियों में जुट गई है। केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड ने आईपीओ लाने के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए हैं। रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल करने के कुछ दिन बाद इस कंपनी ने भी यही रास्ता चुना है। सोमवार को सेबी के पास जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, केनरा रोबेको एएमसी की तरह ही केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ प्रोमोटरों और एक इंवेस्टर द्वारा ओएफएस के जरिए कुल 23.75 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। ये आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस बेस्ड होगा।
आईपीओ के जरिए 13.77 करोड़ शेयर बेचेगा केनरा बैंक
आईपीओ के जरिए, केनरा बैंक इस आईपीओ के जरिए अपने 13.77 करोड़ शेयर बेचेगा, एचएसबीसी इंश्योरेंस (एशिया-पैसिफिक) होल्डिंग्स लिमिटेड 47.5 लाख शेयर बेचेगा और पंजाब नेशनल बैंक 9.5 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रहा है। आईपीओं के पूरी तरह ओएफएस होने के कारण कंपनी को पब्लिक इश्यू से कोई आय प्राप्त नहीं होगी।
केनरा बैंक के पास केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की 51% हिस्सेदारी
केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, केनरा बैंक द्वारा प्रवर्तित एक जॉइंट वेंचर है। केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस में केनरा बैंक के पास 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और एचएसबीसी ग्रुप की एचएसबीसी इंश्योरेंस (एशिया पैसिफिक) होल्डिंग्स के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बताते चलें कि केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का गठन 2007 में किया गया था। ये भारतीय जीवन बीमा क्षेत्र में एक प्रमुख बैंक-नेतृत्व वाली निजी कंपनी के रूप में उभरी है।
केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट ने गुरुवार को जमा किए थे दस्तावेज
केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट ने अपने आईपीओ के लिए पिछले हफ्ते गुरुवार को सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए थे। केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट का आईपीओ भी पूरी तरह से ओएफएस बेस्ड होगा, जिसके तहत 4.98 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। ओएफएस के तहत, कंपनी के प्रोमोटर केनरा बैंक 2.59 करोड़ शेयर और ओरिक्स कॉरपोरेशन यूरोप एन.वी. (पहले रोबेको ग्रुप एन.वी. के नाम से जाना जाता था) 2.39 करोड़ शेयर बेचेंगे। केनरा बैंक के पास केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि ओरिक्स कॉरपोरेशन के पास एएमसी में बाकी की सभी 49 फीसदी हिस्सेदारी है।