
अक्षय तृतीया के मौके पर बिक्री को बढ़ाने के मकसद से आभूषण विक्रेताओं ने सोने के मूल्य और गहने बनाने के शुल्क पर आकर्षक छूट की पेशकश कर रहे हैं। आभूषण विक्रेताओं को बढ़ती कीमतों के बावजूद इस साल डिमांड बेहतर रहने की उम्मीद है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, तनिष्क, सेन्को गोल्ड, एमपी ज्वैलर्स और पीसी चंद्रा ज्वैलर्स जैसे प्रमुख ब्रांड ने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए कई तरह की छूट की घोषणा की है। जैसा कि आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। अक्षय तृतीया को सोना खरीदने के लिए शुभ माना जाता है।
कीमतें पांच से सात प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं
खबर के मुताबिक, अंजलि ज्वैलर्स के निदेशक अनर्घा उत्तिया चौधरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्षय तृतीया पर कारोबार अच्छा रहेगा क्योंकि इस समय सोने में उपभोक्ताओं का विश्वास पहले से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सोने के प्रति लोगों की दीवानगी को भुनाने के लिए हम खरीदारी के अनुभव को ग्राहकों के लिए अधिक रोमांचक बनाने हेतु आभूषण बनाने के लिए लगने वाले शुल्क पर छूट की पेशकश कर रहे हैं।
कोलकाता में 22 कैरेट सोने की कीमत 9000 रुपये प्रति ग्राम के आसपास है, जो पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक है। चौधरी ने कहा कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है, तो अल्पावधि में सोने की कीमतें पांच से सात प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। कीमतों में तत्काल सुधार दिखाई नहीं दे रहा है और बाजार में अस्थिरता 2025 में जारी रहने की उम्मीद है। चौधरी ने लोगों से इस समय सोने की खरीद पर विचार करने का आग्रह किया।
सोने की बढ़ती कीमतों के चलते खरीद मात्रा में गिरावट
सेनको गोल्ड के एमडी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुवनकर सेन ने कहा कि सोने की बढ़ती कीमतों के चलते खरीद मात्रा में गिरावट आई है, लेकिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी की धारणा मजबूत रहने की उम्मीद है। हालांकि, कंपनी किफायती दाम बनाए रखने के लिए कई विकिल्पों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि हम शादी के गहनों में मोती और नग लगा सोने के इस्तेमाल को कम करने के लिए इनकी लागत 25-30 प्रतिशत कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश में जोरदार उछाल
इक्रा एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश सालाना आधार पर 98.54 प्रतिशत बढ़कर 1,979.84 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 997.21 करोड़ रुपये था। इसी अवधि के दौरान गोल्ड ईटीएफ के लिए प्रबंधन अधीन शुद्ध संपत्ति (एयूएम) 28,529.88 करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी होकर 55,677.24 करोड़ रुपये हो गई। गोल्ड ईटीएफ उन निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प प्रदान करता है जो सोने को भौतिक रूप से खरीदने की जटिलताओं के बिना सोने में निवेश करना चाहते हैं। चांदी में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है।