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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी, इस तरह नकली और असली Gold की करें पहचान

सोना खरीदते वक्त जिन दो बातों का खास ख्याल रखना चाहिए उनमें पहली है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं वह कितना शुद्ध है और दूसरा ज्वैलरी किस कैरेट में बनी है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Apr 26, 2025 6:48 IST, Updated : Apr 26, 2025 6:48 IST
Gold
Photo:FILE सोना

Akshaya Tritiya 2025: सोना और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए भारत के सबसे शुभ त्योहारों में से एक अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल को पड़ रहा है। माना जाता है कि यह दिन समृद्धि और सौभाग्य लाता है। इसलिए यह दिन सोने में निवेश करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। अगर आप भी अक्षय तृतीया पर सोने के आभूषण, सिक्के या बार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो असली और नकली की पहचान करना पहले जान लें। ऐसा कर आप धोखाधड़ी के शिकार होने से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि सोने की खरीदारी में नकली और असली की पहचान कैसे करें। 

HUID नंबर की जांच करें

सोने के गहने पर एक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होता है। यह छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है जो सोने की की प्रामाणिकता की पुष्टि करता है।​ किसी भी ज्वैलर्स के यहां से सोने की खरीदारी पर आप इस नंबर को बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से जांच कर वस्तु की शुद्धता, पंजीकरण और हॉलमार्किंग केंद्र का नाम देख सकते हैं। अगर कोई ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क के गहने बेच रहे हैं तो उसे बिल्कुल नहीं खरीदें। 

ऐसे पहचानें असली हॉलमार्क

हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। यदि सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।

कैरेट को समझें

सोने को कैरेट (K) में मापा जाता है, और आम तौर पर ये निम्नलिखित होते हैं:

  • 24K – 99.9% शुद्ध
  • 22K – 91.6% शुद्ध
  • 18K या 14K – कम शुद्धता

शुद्धता के अनुसार तय होती है कीमत 

अब आप हालमार्क का निशान और नंबर देखकर आप यह ज्ञात कर सकते हैं कि आपकी ज्वैलरी में कितने फीसदी शुद्ध सोना इस्तेमाल हुआ। सोने की कीमत का निर्धारण भी उसी हिसाब से करें। जैसे 24 कैरेट सोने का रेट 95000 रुपये है। अब अगर आप बाजार में सोने की ज्वैलरी खरीदने जाते हैं तो मेकिंग चार्ज हटाकर आपकी ज्वैलरी की असली कीमत (95000/24)x22=87083 रुपये होगी। जबकि सुनार कई बार आपको 22 कैरेट सोना 95000 में ही देता है। यानी आप 22 कैरेट सोना 24 कैरेट सोने के दाम पर खरीद रहे हैं।  

प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें

गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें। सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें। साथ ही गोल्ड ज्वैलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें।

लीजिए पक्की पर्ची

सिक्का या ज्वैलरी खरीदते वक्त कच्ची पर्चियां लेने का ट्रेंड है। लेकिन यह गलत है। कई बार वापसी के वक्त ज्वैलर खुद ही अपनी कच्ची पर्ची नहीं पहचानते, इसलिए पक्का बिल जरूर लें। बिल में सोने का कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क का जिक्र जरूर हो।

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