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SEBI का इन चार स्टॉक ब्रोकर्स पर एक्शन, रजिस्ट्रेशन ही कर दिया कैंसिल, जानें वजह और पूरी डिटेल

सेबी ने कहा कि ये संस्थाएं अब ब्रोकर विनियमन 1992 के तहत स्टॉक ब्रोकर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं। सभी चार स्टॉक ब्रोकर्स सेबी को देय किसी भी बकाया शुल्क, बकाया और ब्याज का भुगतान करने के लिए भी जिम्मेदार होंगे।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 31, 2025 01:43 pm IST, Updated : Jan 31, 2025 02:14 pm IST
रजिस्ट्रेशन जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने पर सेबी ने लिया एक्शन।- India TV Paisa
Photo:FILE रजिस्ट्रेशन जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने पर सेबी ने लिया एक्शन।

मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चार स्टॉक ब्रोकर्स के खिलाफ तगड़ा एक्शन लेते हुए उनका रजिस्ट्रेशन ही कैंसिल कर दिया है। सेबी ने रजिस्ट्रेशन जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने के बाद इन ब्रोकर्स पर कार्रवाई की है। खबर के मुताबिक, ये स्टॉक ब्रोकर्स किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य नहीं थे। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इन ब्रोकर्स का नाम- सिंगल विंडो सिक्योरिटीज, सननेस कैपिटल इंडिया, जीएसीएम टेक्नोलॉजीज और इन्फोटेक पोर्टफोलियो है।

इन चीजों के लिए ब्रोकर्स होंगे जिम्मेदार

खबर के मुताबिक, बाजार नियामक ने एक आदेश में कहा कि सभी चार स्टॉक ब्रोकर्स सेबी को देय किसी भी बकाया शुल्क, बकाया और ब्याज का भुगतान करने के लिए भी जिम्मेदार होंगे। मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि इनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की सबसे बड़ी वजह उन्हें मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य बने बिना अपने सेबी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का दुरुपयोग करने से रोकना है।

सेबी ने कहा कि ये संस्थाएं अब ब्रोकर विनियमन 1992 के तहत स्टॉक ब्रोकर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं, जिसमें यह प्रावधान है कि स्टॉक ब्रोकरों को मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों का सदस्य होना चाहिए। सेबी ने ब्रोकर्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने से पहले मध्यस्थ विनियम, 2008 के तहत उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया। इससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रक्रिया पारदर्शी थी और नियामक जरूरत के मुताबिक थी।

इन पर भी लगा जुर्माना

सेबी ने नियामकीय उल्लंघन के मामले में आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सेबी द्वारा पारित आदेश के अनुसार, कंपनी को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। साथ ही शेयर ब्रोकर और डिपॉजिटरी भागीदार नियमों के उल्लंघन के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी द्वारा पारित आदेश के अनुसार, कंपनी को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। सेबी ने हाल ही में कहा कि उसने तकनीकी गड़बड़ियों के बारे में शेयर बाजारों और अन्य बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) द्वारा प्रारंभिक एवं अंतिम मूल कारण विश्लेषण (आरसीए) रिपोर्ट पेश करने के लिए एक वेब-आधारित पोर्टल विकसित किया है।

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