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होम लोन के लिए फ्लोटिंग रेट और फिक्स रेट की मिलती है सुविधा, जानिए दोनों के बारे में यहां

नया घर बनाना हम सब का सपना होता है, वहीं इसके लिये हम बेहतर जमा पूंजी इकठ्ठा करते हैं। वहीं आज के दौर में होम लोन के जरिये अपना खुद का मकान बनाना और भी आसान हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को हमें जान लेना चाहिये।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published : Feb 05, 2023 10:15 IST, Updated : Feb 05, 2023 10:15 IST
Know about to fixed rate and floating rate to home loan- India TV Paisa
Photo:CANVA फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट होम लोन से जुड़ी यह महत्वपूर्ण बातें आपने जानी क्या

Fixed rate and Floating rate: अपना घर बनाने का सपना हम सबका होता है, वहीं आज कल आसान तरीकों के जरिये होम लोन की सुविधा भी मिल जाती है। होम लोन के जरिये ही हम अपने सपनों का घर बना पाते हैं, लेकिन होम लोन लेते समय हमें इससे जुड़ी कई तरह की बातें जान लेनी चाहिये। बता दें कि होम लोन लेने के बाद लंबे समय तक ब्याज देना होता है, ऐसे में हमें इससे जुड़े ब्याज चुकाने के मोड के बारे में जान लेना चाहिये। आज हम आपको होम लोन से जुड़े ब्याज चुकाने के मोड फ्लोटिंग रेट और फिक्स्ड रेट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

ये होता है फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट

फ्लोटिंग रेट लोन का अर्थ होता है जिस पर रेपो रेट या मार्केट की ब्याज दर का असर पड़ता है। बता दें कि अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट में बदलाव करता है तो फ्लोटिंग रेट में भी बदलाव देखने को मिलता है। अगर आप इस तरह का लोन लेते हैं तो रेपो रेट बढ़ने से इस ब्याज की दर भी बढ़ेगी, साथ ही अगर रेपो घटता है तो ब्याज दर भी घटेगी। वहीं इसमें यह अहम बदलाव एक फिक्स समय में होता है, जहां हो सकता है कि यह 3 महीने में एक बार हो। दूसरी ओर यह बैंक द्वारा तय किये गये नियम पर भी निर्भर करता है कि अगर ब्याज दर बदलती है तो EMI बढ़ेगी या लोन की अवधि।

ये है फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट लोन

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट लोन लेने से पहले ही ब्याज की एक दर निश्चित कर दी जाती है, जिसमें आपको पता होगा कि आपकी EMI कितनी आयेगी। अगर आप फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट लोन को लेते हैं तो आपको लोन चुकाने की पूरी अवधि में कितनी EMI आयेगी, इसके बारे में पता होगा। बता दें कि मार्केट का इंटरेस्ट रेट यानी रेपो रेट कुछ भी हो होम लोन के ब्याज की दर पर कोई अंतर नहीं आयेगा, वहीं इसके जरिये आप पहले ही अपनी EMI की गणना कर सकते हैं

इन दोनों में यह है खास अंतर 

  1.  फ्लोटिंग रेट होम लोन की ब्याज दर भविष्य में कभी भी बढ़-घट सकती हैं, जो रिजर्व बैंक की ओर से तय रेपो रेट पर निर्भर करता है। वहीं अगर आप ऐसे में फिक्स्ड रेट पर होम लोन लेते हैं तो ब्याज दर आगे कम होने पर आपको अधिक लाभ नहीं मिलेगा। 
  2. अगर आपको लोन लेते वक्त लगे कि आपके ब्याज की दर कम है तो आप फिक्स्ड रेट होम लोन को ले सकते हैं, जिससे आपको कम ब्याज पर उधार मिल जायेगा। इसके साथ ही आपको पूरी अवधि में कम ब्याज चुकाना होगा, वहीं आपको लगता है कि आगे के समय में रेपो दर में उठापटक हो सकती है तो आपको फिर फ्लोटिंग रेट होम लोन लेना चाहिये।
  3. फ्लोटिंग रेट होम लोन पर सबसे बड़ी सुविधा आपको प्री पेमेंट पेनाल्टी नहीं लगने वाली मिलती है, मान लीजिये अगर आप बीच की अवधि में लोन की एक बड़ी राशि जमा करना चाहते हैं तो आपको जुर्माना नहीं भरना होगा। वहीं अगर आप फिक्स्ड रेट पर होम लोन लेते हैं तो आपको इसमें बीच की अवधि में लोन का प्री पेमेंट करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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