वित्त मंत्री पहली फरवरी को बजट पेश करेंगी। इस साल महामारी के असर को देखते हुए कारोबारी जगत की नजर इस बजट पर है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि ये बजट अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला होगा।
74 साल की येलेन इससे पहले अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की गवर्नर रह चुकी हैं। उन्होंने 2014 से 2018 के दौरान फेडरल रिजर्व की अगुवाई की। सोमवार को सीनेट ने 84 बनाम 15 के मत से येनेट को वित्त मंत्री नामित किये जाने पर स्वीकृति दे दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2021-22 का आम बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना संकट के बाद आई मंदी से अर्थव्यवस्था निकलने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सभी सेक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार बजट में ऐसे ऐलान करेगी जिससे विकास को गति मिले।
इस बार 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला केंद्रीय बजट 2021-22 पूरी तरह से डिजिटल होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को नॉर्थ ब्लॉक में परंपरागत तरीके से हलवा सेरेमनी के साथ बजट दस्तावेजों के संकलन की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
छह जनवरी 2021 तक जनधन खातों की संख्या 41 करोड़ के पार चली गयी और शून्य बैलेंस वाले खातों की संख्या मार्च 2015 के 58 प्रतिशत से कम होकर 7.5 प्रतिशत पर आ गयी।
संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और 2 भागों में 8 अप्रैल तक चलेगा। पहला भाग 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं दूसरा भाग आठ मार्च से आठ अप्रैल तक आयोजित होगा।
कोविड-19 के कारण वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट का कागजों पर प्रकाशन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सभी सांसदों को बजट दस्तावेज तथा आर्थिक समीक्षा इलेक्ट्रॉनिक रूप में दी जायेगी।
एनआईपी की शुरूआत 6,835 परियोजनाओं के साथ की गयी थी। इसे अब बढ़ाकर 7,300 परियोजनाएं कर दी गयी हैं। इन परियोजनाओं के लिये 2020 से 2025 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत का अनुमान लगाया गया है।
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति की सिफारिश के मुताबिक बजट सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि सत्र का दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक जारी रहेगा।
मौजूदा बाजार मूल्य पर 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग एक हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। बीईएमएल के शेयर शुक्रवार को 974.25 रुपये पर बंद हुए। बीईएमएल रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के दौरान किया। यह पहला मौका है जबकि कोविड-19 संकट की वजह से बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन वर्चुअल तरीके से हुआ है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है। यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है।
कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर 2 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड , कारोबार सुगमता, नगर निकाय/सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.01 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि कोविड-19 महामारी का विनिवेश कार्यक्रम पर असर पड़ा है। इस वित्त वर्ष में सरकार अब तक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में छोटी हिस्सेदारी बेचकर सिर्फ 11,006 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है।
कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक सहित बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ आदि बड़े उद्योगपतियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में भाग लिया। वित्तमंत्री के साथ, वित्त सचिव ए.बी. पांडे, सचिव डीईए, तरुण बजाज, मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन आदि वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
बैंकों ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत 80,93,491 कर्जदारों को 2,05,563 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ऋण राशि मंजूर की है। जबकि 1,58,626 करोड़ रुपये 40,49,489 कर्जदारों को दिए जा चुके हैं।
वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में शेष 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के बारे में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में फैसला करेगा।
एमएसएमई मंत्रालय ने बयान में कहा कि सबसे अधिक 5,100 करोड़ रुपये की खरीद अक्टूबर में हुई और इस दौरान 4,100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
23 नवंबर तक कुल 24,227 करोड़ रुपये (39.4 प्रतिशत) का लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इन उपक्रमों के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 61,483 करोड़ रुपये है।
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