चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2020 के अंत में आयोजित यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज सम्मेलन में घोषणा की थी कि उनका देश जीपीडी के प्रति यूनिट कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 65 प्रतिशत तक की कटौती 2030 तक करेगा।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में बिजली संयंत्रों को कोल इंडिया की आपूर्ति 27.2 प्रतिशत बढ़कर 20.59 करोड़ टन पर पहुंच गयी।
अगस्त के महीने में 15 अगस्त तक मांग और उत्पादन में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इससे पहले जुलाई में देश की बिजली की खपत महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी
बयान में कहा गया है कि यह कदम आम जनता के लिए एक उदाहरण बनेगा और उन्हें ई-मोबिलिटी को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
मंत्रालय ने कहा कि रेटिंग एजेंसी के त्रुटिपूर्ण अनुमान की वजह से नुकसान के आंकड़े को 90,000 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया गया है, जो काफी बढ़ाकर दिखाया गया लगता है।
इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापित करना है।
अगस्त के पहले सप्ताह में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग या दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 188.59 गीगावॉट की रही। जो पिछले साल से 14 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2020-21 में बिजली वितरण कंपनियों को हर साल 90,000 करोड़ रुपये घाटा होने का अनुमान
जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मानसून में देरी तथा राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है।
नये संशोधन के बाद बिजली क्षेत्र में नए सुधारों की गति तेज की जा सकेगी। इन संशोधनों से बिजली उपभोक्ताओं को फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है, साध ही सौर और पवन ऊर्जा जैसे पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
मई, 2021 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 68,762 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले 84,691 करोड़ रुपये थी।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने 16-17 जुलाई की रात को लगातार प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक 25032 मेगावाट बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है। इसे लेकर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा कार्मिकों की सराहना की है।
उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी सिंगरौली यूनिट 4 (200 मेगावाट) ने 102.08 फीसदी पीएलएफ हासिल किया, जो अप्रैल से जून 2021 तक देश में सबसे अधिक है।
देश में बिजली खपत जुलाई के पहले सप्ताह में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत बढ़कर 30.33 अरब यूनिट रही और कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच गई।
आंकड़ों के अनुसार सात जुलाई, 2021 को देश में बिजली की खपत 450.8 करोड़ यूनिट दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।
मंगलवार को दिन के 11.43 बजे बिजली की अखिल भारतीय मांग अब तक सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पहुंच गयी। सरकार ने मांग के 2,00,000 मेगावाट पहुंचने का अनुमान दिया है
नए आंकड़ों के अनुसार 30 जून, 2021 को देश में बिजली की खपत 438.4 करोड़ यूनिट (एमयू) दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.(पीजीसीआईएल) ने देश की पहली वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ट्रांसमिशन प्रणाली चालू की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश की उच्चस्तरीय टीम 9 के बैठक में अधिकारियों से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम अभी नहीं बढ़ेंगे।
एआईपीईएफ ने मांग की है कि बिजली क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनिरों और कर्मचारियो को महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति का कामगार माना जाना चाहिए।
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