जिला प्रशासन का कहना है कि मौजूदा सर्किल रेट बाजार दरों से बहुत पीछे हैं। इससे स्टांप ड्यूटी में सरकार को कम राजस्व मिलता है। कई प्रॉपर्टी डील्स में कम मूल्य दिखाकर टैक्स चोरी की जाती है।
इसी तरह, एमएमआर में समीक्षाधीन अवधि के दौरान आवास की औसत कीमतें 10,610 रुपये प्रति वर्ग फुट से 48 प्रतिशत बढ़कर 15,650 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। एनारॉक ने कहा कि निर्माण लागत में भारी बढ़ोतरी और अच्छी बिक्री के कारण कीमतों में वृद्धि हुई।
रिपोर्ट कहती है कि बीते दो वर्षों में मांग मजबूत बने रहने से आठ शहरों में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने आज कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री में 35 प्रतिशत गिरावट आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट में मांग सुस्त बनी हुई है।
रीमैक्स का मानना है कि प्रॉपर्टी मार्केट के रेगुलेशन के लिए RERA और नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था GST से इस क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा।
रिकवरी तेज होने पर प्रॉपर्टी की कीमतों में भी तेज उछाल आना शुरू होगा। ऐसे में यही मौका है जब आप अपने सपनों का घर खरीदने के सपने को साकार कर सकते हैं।
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