Reliance Capital: रिलायंस कैपिटल भारतीय शेयर बाजार से डिलिस्ट होने जा रही है। इस कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में हिंदुजा ग्रुप की ओर से खरीदा जाएगा।
एनसीएलटी ने आरकैप का औसत उचित मूल्य 16,696 करोड़ रुपये और औसत परिसमापन मूल्य 13,158.46 करोड़ रुपये आंका है। सुरक्षित कर्जदाताओं को 481.88 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान मिलेगा।
पहले दौर की नीलामी में आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन बाद में उसे संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था। कर्जदाताओं ने उम्मीद के अनुरूप बोली नहीं मिलने पर दूसरे दौर की नीलामी करने का फैसला किया था जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उचित ठहराया।
भारी कर्ज के तले दबी रिलायंस कैपिटल का जल्द नया मालिक मिल सकता है। कंपनी के 99 प्रतिशत कर्जदाता चाहते हैं कि दूसरे दौर की नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को रिलायंस कैपिटल की कमान मिले।
तिमाही के दौरान रिलायंस कैपिटल का कुल खर्च भी 8,982 करोड़ रुपये से घटकर 5,949 करोड़ रुपये रह गया।
उच्चतम न्यायालय से दोबारा नीलामी करने की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को दूसरे दौर की नीलामी हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि अन्य दो दावेदारों- टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स और ओकट्री ने दूसरे दौर की नीलामी में हिस्सा नहीं लिया।
जिन बोलीदाताओं ने नीलामी के दूसरे दौर में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, उनमें हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड और सिंगापुर स्थित ओकट्री शामिल हैं।
Reliance Capital Latest Updates: रिलायंस कैपिटल की हालत इस समय आर्थिक रूप से बहुत खराब है। कर्ज में डूब चुकी इस कंपनी के लिए एक और बुरी खबर आई है। इसकी दूसरी नीलामी की डेट को भी रद्द कर दिया गया है। आइए पूरा मामला जानते हैं।
Reliance Capital News: हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। अब कहानी में मोड़ आ गया है।
एनसीएलएटी के आदेश के बाद आरकैप के कर्जदाताओं ने 20 मार्च को ई-नीलामी का दूसरा दौर आयोजित करने का फैसला किया था।
रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के समाधान के मामले में ऋणदाताओं की नीलामी की एक और दौर की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) की मुंबई पीठ ने दो फरवरी को कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए चुनौती व्यवस्था 21 दिसंबर, 2022 को खत्म हो गई है, जिसमें 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स की थी।
रिलायंस ग्रुप ने तीसरी तिमाही का आंकड़ा जारी कर दिया है। कंपनी को कुछ क्षेत्र में नकसान उठाना पड़ा है तो किसी में उसने कमाई के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
न्यायमूर्ति श्याम बाबू गौतम और न्यायमूर्ति प्रदीप नरहरि देशमुख की अगुवाई वाले न्यायाधिकरण ने ‘चुनौती तंत्र’ की तारीख बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी है।
सूत्रों ने कहा कि नीलामी के पहले दौर में हिंदुजा और टॉरेंट दोनों समूहों ने नीलामी खत्म होने के बाद भी अपनी बोलियों को लगातार बढ़ाया है।
रिलायंस कैपिटल के बड़े कर्जदाताओं एलआईसी और ईपीएफओ की पहल पर यह ई-नीलामी की गई है। इन दोनों की सीओसी में सम्मिलित हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।
लेनदारों की समिति (सीओसी) ने पहले दौर की नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की फ्लोर वैल्यू तय की थी।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में कार्यरत रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने बर्खास्त करते हुए नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
हाल ही में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया के लिए समयसीमा 31 जनवरी, 2023 तक बढ़ा दी थी।
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