Sunday, December 15, 2024
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सांसद बनने से कोई नेता नहीं बन जाता, हरजीत सिंह ग्रेवाल ने अपनी ही पार्टी की नेता पर उठाए सवाल

भाजपा ने पिछले सप्ताह किसान आंदोलन पर कंगना के विवादास्पद बयान के लिए उनकी निंदा की थी और उनके विचारों से असहमति जताई थी। भाजपा ने स्पष्ट किया था कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों में टिप्पणी करने की ना तो अनुमति है, ना ही वह इसके लिए अधिकृत हैं।

Edited By: Shakti Singh
Published : Sep 02, 2024 21:23 IST, Updated : Sep 02, 2024 21:23 IST
Harjit Singh Grewal- India TV Hindi
Image Source : X/@UBHAHARDEV प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हरजीत सिंह ग्रेवाल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि मंडी से पार्टी सांसद कंगना रनौत के किसानों के प्रदर्शन पर दिए गए बयान पर उन्होंने तत्काल पार्टी आलाकमान से बात की थी और अपना क्षोभ प्रकट किया था। ग्रेवाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से फोन पर बात की थी। 

हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना ने पिछले दिनों हिंदी अखबार दैनिक भास्कर को दिए अपने साक्षात्कार की क्लिप पोस्ट की थी जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि देश में ‘बांग्लादेश जैसे हालात’ बन सकते थे लेकिन देश के मजबूत नेतृत्व की वजह से ऐसा नहीं हुआ। कंगना ने यह आरोप भी लगाया कि अब समाप्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के दौरान शव लटके हुए थे और बलात्कार हो रहे थे। 

सांसद बनने से कोई नेता नहीं बन जाता

ग्रेवाल ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहली बात तो यह है कि केवल सांसद बनने से कोई नेता नहीं बन जाता। पार्टी की विचारधारा से एक दिन में जुड़ाव नहीं होता। मैं 35 साल से अधिक समय से भाजपा में हूं।’’ भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य ग्रेवाल ने कहा, ‘‘जब उन्होंने बयान दिया तो मैंने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनका विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी पार्टी की विचारधारा नहीं है।’’ 

विवादास्पद बयान के लिए निंदा की थी

भाजपा ने पिछले सप्ताह किसान आंदोलन पर कंगना के विवादास्पद बयान के लिए उनकी निंदा की थी और उनके विचारों से असहमति जताई थी। भाजपा ने स्पष्ट किया था कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों में टिप्पणी करने की ना तो अनुमति है, ना ही वह इसके लिए अधिकृत हैं। कंगना की आने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ के संदर्भ में ग्रेवाल ने कहा कि इस पर निर्णय सेंसर बोर्ड को लेना है। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म में सिखों के इतिहास को गलत तरह से दर्शाने का दावा किए जाने के बाद फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। 

फिल्म से लेना देना नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘सेंसर बोर्ड का काम है कि वे फिल्म को पास करते हैं या नहीं। पार्टी का इससे कोई लेनादेना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी बात यह है कि कोई भी ‘खालसा’ के खिलाफ, पंजाब के खिलाफ बोलेगा तो भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता उठ खड़ा होगा।’’ इस बीच, 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए ग्रेवाल ने दावा किया कि कांग्रेस ने दंगों में शामिल लोगों को ‘सम्मानित’ किया, जबकि भाजपा सरकार ने सुनिश्चित किया कि दंगों के पीछे जो लोग रहे, उन्हें सजा मिले। (इनपुट- पीटीआई भाषा)

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