Tuesday, April 30, 2024
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'...तो हम 10 मिनट में पटरियों पर से हट जाएंगे', जानें ट्रेनों को रोकने वाले किसानों ने क्या कहा

किसान संगठनों ने अपने 3 साथियों की रिहाई की मांग को लेकर रेल की पटरियों पर धरना दे दिया जिसके चलते कई ट्रेनें रद्द हो गईं और यात्रियों को रामनवमी के दिन परेशानियों का सामना करना पड़ा।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: April 17, 2024 22:38 IST
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Image Source : PTI पंजाब में किसानों के धरने ने कई ट्रेनों के पहिए थाम दिए।

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा सीमा के पास पटियाला जिले में रेल पटरियों पर बैठ गए। आक्रोशित किसान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे थे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों के धरने के कारण कई रेलगाड़ियों के मार्ग में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि 30 से ज्यादा रेलगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई और उनके मार्ग में परिवर्तन किया गया या उन्हें रद्द कर दिया गया।

गिरफ्तार किसानों में नवदीप सिंह भी शामिल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामनवमी के मौके पर रेलगाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ने से यात्रियों को भी परेशानी हुई। किसान मजदूर मोर्चा नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हरियाणा प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि गिरफ्तार किसानों को 16 अप्रैल तक रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘जब हमारे किसानों को रिहा नहीं किया गया, तो हमने रेल पटरियों पर धरना देने का फैसला किया।’ मौजूदा किसान आंदोलन के दौरान नवदीप सिंह समेत 3 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रेल पटरियों की ओर जाने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन किसान जबरन आगे बढ़ गए और पटरियों पर बैठ गए।

‘रेल पटरियों पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा’

किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनके साथियों को रिहा नहीं किया जाता, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘अगर सरकार उन्हें अभी रिहा कर दे तो हम 10 मिनट के भीतर रेल पटरियों पर से हट जाएंगे।’ किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें रेल पटरियों पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि हरियाणा सरकार उनकी मांग नहीं मान रही है। पंढेर ने धमकी दी कि अगर जल्दी ही तीनों किसानों को रिहा नहीं किया गया तो वे लोग अन्य जगहों पर भी रेल पटरियों पर धरना देंगे।

धरने के चलते कई ट्रेनों का बदला गया रास्ता

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, अमृतसर से न्यू जलपाईगुड़ी, अमृतसर से कटिहार, पठानकोट से पुरानी दिल्ली, अमृतसर से टाटा नगर, कोलकाता से अमृतसर, दिल्ली से अमृतसर, हरिद्वार से अमृतसर और दरभंगा से अमृतसर तक की रेलगाड़ियों के मार्ग में बदलाव किया गया। किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी भी शामिल है। किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था।

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