Monday, April 29, 2024
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Chaitra Navratri 2024: कलश स्थापना करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, जान लीजिए सही नियम

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापित किया जाता है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि घट स्थापित करते समय और स्थापना के बाद आपको किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Updated on: April 08, 2024 8:00 IST
Chaitra Navratri - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chaitra Navratri

चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन माता की पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है। कई भक्त अपने घर में कलश स्थापित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि कलश में देवी-देवताओं का वास होता है और उनके आशीर्वाद से भक्तों की पूजा सफल होती है। हालांकि कलश को स्थापित करने के कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है। अगर आप नियमों का पालन नहीं करते तो घट स्थापित करने के बाद भी आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते। आज अपने लेख में हम आपको बताएंगे कि घट स्थापना के बाद आपको क्या गलतियां करने से बचना चाहिए।  

घट स्थापना करते समय न करें ये गलतियां

  • घट को स्थापित करने की सही दिशा उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण है। इस दिशा में आपको घट स्थापित करना चाहिए। 
  • ऐसा घट न लाएं जो किसी भी प्रकार से खंडित हो।
  • कलश स्थापना में गंदे पानी का प्रयोग न करें। मिट्टी भी सही स्थान से लेकर आएं। 
  • एक बार जिस स्थान पर घट स्थापित कर दिया उसके बाद उसे हटाएं नहीं। ना ही 9 दिनों तक इसको हिलाएं। 
  • घर में अगर आपने घट स्थापित किया है और 9 दिनों तक व्रत रखने वाले हैं तो, गलती से भी दिन में न सोएं। दिन के समय सोने की बजाय आपको भजन कीर्तन करने चाहिए। 

घट स्थापना करने के बाद इन बातों का रखें ख्याल

  • अगर आपने घर में घट स्थापित कर लिया है तो उसके बाद घर को सूना छोड़कर नहीं जाना चाहिए। घट स्थापना करने के बाद घर का कोई-न-कोई सदस्य घर में होना चाहिए। 
  • नवरात्रि के नौ दिनों तक नियमित रूप से घट की पूजा करनी चाहिए। 
  • नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत करने वाले को स्वर्ण भी नहीं पहना चाहिए। 
  • घर में घट स्थापित है तो तामसिक भोजन करने और शारीरिक संबंध बनाने से आपको बचना चाहिए। 

नवरात्रि की पूजा में अगर आप इन बातों का ख्याल रखते हैं तो माता की कृपा आपको प्राप्त होती है। साथ ही आपकी मनोकामनाओं को मां पूरा करती हैं। 

कलश स्थापना के दौरान करने इन मंत्रों का जप

घट स्थापित करते समय आपको जिन मंत्रों का जप करना चाहिए वो नीचे दिए गए हैं। 

  • ऊं धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।
  • ऊं वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य स्काभसर्जनी स्थो वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमा सीद।।
  • ऊं भूर्भुवः स्वः भो वरुण, इहागच्छ, इह तिष्ठ, स्थापयामि, पूजयामि, मम पूजां गृहाण।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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