Sunday, April 28, 2024
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Dhanteras 2023: धन की देवी मां लक्ष्मी, लेकिन कौन हैं इनके देवता? दिवाली के खास मौके पर इनकी पूजा करने से गरीबी होती है दूर

दीपावली ने धनतेरस पर अपनी दस्तक दे दी है। मुख्य रूप से यह त्यौहार मां लक्ष्मी की कृपा प्रप्ति के लिए होता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी तो धन की देवी हैं, लेकिन कौन हैं धन के देवता? आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं। इनकी पूजा भी उतनी ही फलदायक है जितनी मां लक्ष्मी की।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: November 10, 2023 23:52 IST
Dhanteras 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Dhanteras 2023

Dhanteras 2023: हिंदू धर्म में धन की देवी मां लक्ष्मी को कहा जाता है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में देवी और देवता दोनों का महत्व है। जिस तरह धन की देवी मां लक्ष्मी हैं और यह माना जाता है कि उनकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति सुधरती है। ठीक उसी प्रकार उतना ही महत्व धन के देवता कुबेर का भी है। जी हां, हिंदू धर्म के अनुसार यदि धन की देवी मां लक्ष्मी हैं, तो धन के देवता कुबेर हैं।

मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करने से यदि इन दोनों की कृपा प्राप्त हो जाए, तो माना जाता है ऐसे व्यक्ति के आस पास जिंदगी भर गरीबी नहीं भटकती है। वह व्यक्ति सदैव धनवान बना रहता है। शास्त्रों के अनुसार कुबेर देवता यक्षों के राजा, धन के देवता और देवताओं के धन के कोषाध्यक्ष हैं। यानी वो देवताओं के धन का हिसाब-किताब अपने पास रखते हैं।

कुबेर देव का यंत्र इस दिशा में करें स्थापित

धनतेरस और दीपावली का दिन मुख्य रूप से धन आगमन के तौर पर बहुत शुभ माना जाता है। इन दोनों दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है। इनकी दिशा उत्तर है और इनकी पूजा के लिए कुबेर यंत्र घर के उत्तर दिशा में स्थापित कर उसकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से यदि कुबरे देव की कृपा मिल जाए, तो धन की ऐसी भारी वर्षा होती है कि, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

कुबेर देव के आशीर्वाद से धन रहता है स्थाई

शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी यानी धन की देवी का स्वभाव चंचल है। यह एक जगह स्थाई नहीं रहती हैं। लेकिन धन कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं और उनके पास धन के अलावा कई सारे खाजानों का भंडार भरा पड़ा रहता है, जो कभी नहीं खत्म होता। कुबेर देवता की पूजा स्थाई धन के लिए की जाती है। क्योंकि इनके पास धन का भंडार है। इनकी कृपा मिलने से जीवन में स्थाई धन की प्राप्ति होती है। यक्ष होने के कारण ये गुप्त धन और संचित धन की रक्षा करते हैं। इसलिए इनकी कृपा जब तक नहीं प्राप्त होती है तब तक धन नहीं रुकता है। जहां मां लक्ष्मी की कृपा से धन आगमन होता है, वहीं धन कुबेर की कृपा से धन का भंडार भरा रहता है।

कुबेर देवता की पूजा का मंत्र

यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 

धन-धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।

कुबेर देव की पूजा सामग्री

  • कुबेर देव की पूजा के लिए उनकी मूर्ति या फिर कुबेर यंत्र होना जरूरी है।
  • कुबेर देव की पूजा में उन्हें कमल का फूल, गुलाब का फूल, दूर्वा, कुश, सप्तधान्य और मैवा आदि चीजें अर्पित करने के लिए इन सामग्रियों की जरूरत पड़ती है।
  • पूजा के दौरान कुबेर देव को 5 प्रकार की मिठाई अवश्य चढ़ाएं।
  • पूजा सामग्री में चांदी या सोने का सिक्का भी शामिल करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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