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फुलेरा दूज पर जरूर जपें ये मंत्र, भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर देंगे सुख-समृद्धि का वरदान

हर साल फाल्गुन माह में फुलेरा दूज मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन ब्रज में भगवान कृष्ण और राधारानी ने फूलों की होली खेली थी। ऐसे में इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Feb 28, 2025 10:56 IST, Updated : Feb 28, 2025 11:23 IST
राधा कृष्ण
Image Source : PIXABAY राधा कृष्ण

फुलेरा दूज हिंदू धर्म के प्रमुख तीज त्योहारों में से एक है। यह पर्व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। जानकारी दे दें कि फुलेरा पर्व राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मथुरा वृंदावन में फूलों की होली खेली जाती है। साथ ही राधा-कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस भगवान कृष्ण मथुरा वृंदावन में बरसाना जरूर आते हैं। ऐसे में इस दिन जातक को कुछ मंत्रों का जरूर करना चाहिए।

हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि 01 मार्च दिन शनिवार को सुबह 03.16 बजे से आरंभ होगी, जो अगले दिन 02 मार्च को 12.09 बजे खत्म होगी। उदया तिथि की मान्यता के कारण 1 मार्च के दिन फुलेरा दूज मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक, इस दिन शुभ योग, साध्य योग और त्रिपुष्कर योग का विशेष संयोग निर्मित हो रहा है।

इस दिन जपना चाहिए ये मंत्र

मूल मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय॥

ॐ कृष्णाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

सफलता प्राप्ति मंत्र

ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

कृष्ण गायत्री मंत्र

“ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”

रोग दूर हेतु मंत्र

ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

धन प्राप्ति हेतु मंत्र

ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

परेशानी दूर करने वाला मंत्र

हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।
आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।

धन-वैभव मंत्र

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

शान्ताकारम मंत्र

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

विष्णु गायत्री मंत्र

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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