
Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन आयोजित हो रहा है। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में स्नान के बाद पितरों को जल देना चाहिए, लेकिन जल देते समय कुछ नियम का ध्यान रहना चाहिए, वरना आपकी मेहनत व्यर्थ चली जाएगी। जैसे की पितरों को या देवी देवताओं को किस तरफ मुंह करके जल देना चाहिए। ऐसे में महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो ये नियम आपको जरूर याद होने चाहिए।
पितरों को किस ओर मुंह कर जल दें?
शास्त्रों के मुताबिक, दक्षिण दिशा आत्मा को समर्पित किया गया है। साथ इस दिशा को यम की दिशा भी कहा गया है। इस कारण जब भी आप अपने पूर्वजों को महाकुंभ स्नान के बाद जल दें तो आपका मुंह दक्षिण दिशा की ओर रखें। इससे आपके पितरों को शांति मिलेगी।
देवी देवताओं को किस ओर जल दें?
शास्त्रों में माना गया है कि ईशान कोण जो है वह देवी-देवताओं को समर्पित है। ऐसे में यदि आप देवी-देवताओं को जल अर्पित कर रहे हैं तो ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह कर जल दें। इससे आपके भाग्य खुल जाएंगे।
सूर्य देव को जल देने की दिशा
अगर आप सुबह स्नान कर रहे तो आपको सूर्य को उगते हुए दिशा यानी पूर्व दिशा में देना चाहिए और यदि शाम हो चुकी है तो आपको सूर्य के अस्त होने के दौरान पश्चिम दिशा में जल देना चाहिए।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के नियम
अगर आप स्नान के बाद शिव जी को जल देना चाहते हैं तो शिवलिंग के सामने उत्तर दिशा से जल देना चाहिए। साथ ही शिवलिंग की अर्धचंद्राकार परिक्रमा करना चाहिए। किसी भी कीमत पर शिवलिंग से गिर रहे जल को नहीं लांघना चाहिए।