Tuesday, March 25, 2025
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महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान के बाद 41 दिनों तक करें इन शिव मंत्रों में से एक का जाप, ग्रहदोष से मिलेगी मुक्ति

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन पड़ रहा है। ऐसे में जिन्हें भी भय और ग्रहदोष लगा हुआ है, वे शिव जी के पावरफुल मंत्रों का जाप करें। इससे आपके ग्रहदशा शांत हो जाएंगे।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 17, 2025 13:36 IST, Updated : Jan 17, 2025 14:01 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : META AI शिवजी के पावरफुल मंत्र

महाकुंभ अमृत स्नान और आध्यात्मिक उत्थान का पर्व है। इस दौरान शिव भगवान की पूजा आराधना करना भी बेहद शुभ माना जाता है। भगवान शिव के विष ग्रहण करने के बाद ही अमृत की बूंदें पृथ्वी पर गिरी थीं। इन बूंदों के गिरने से ही धरती पर चार स्थानों में कुंभ का मेला लगता है। ऐसे में महाकुंभ के दौरान अगर आप कुछ मंत्रों का जप करते हैं तो आपको कई सिद्धियां प्राप्त हो सकते हैं, हर प्रकार के ग्रहदोष से आपको मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में। 

दूसरे अमृत स्नान से इनमें से किसी एक मंत्र का जाप

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किसी भी मंत्र के शुभ फल प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 41 दिन उसका पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही मंत्र जप के बारे में किसी को भी बताने से बचें। मंत्र जप शुरू करने से पहले संकल्प लें कि एक ही समय पर प्रतिदिन 41 दिनों तक आप इसका जप करेंगे। 41 दिन तक जप करने के बाद विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं। ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। 

1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

शिवपुराण के मुताबिक, इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। यह मंत्र इंसान को भय से मुक्ति दिलाता है, साथ ही अकाल मृत्यु को भी दूर करने में सहायक होता है। 

2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्। 

यह शिवजी गायत्री मंत्र हैं। शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से शख्स को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके जप से व्यक्ति में साहस का संचार होता है। शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से साधक को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके पापों का भी नाश होता है, उसे मानसिक शांति मिलती है।

3. ॐ नमः शिवाय

इसे शिव जी की सभी विद्याओं का बीज मंत्र माना जाता है। शिव पुराण की मानें तो इसे भगवान शिव का प्रभावशाली मंत्र माना गया है। मान्यता है कि जो भी इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करेगा तो उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा भी बरसेगी।

4. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ये शिवजी का रुद्र मंत्र है। रुद्र मंत्र का जाप कई बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद करता है। ध्यान रहे कि इस मंत्र का उचित उच्चारण के साथ जप करना चाहिए। इससे जीवन में आई बाधाएं और परेशानी को दूर हो जाएगा। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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