Tuesday, May 14, 2024
Advertisement

Rama Ekadashi 2022: रमा एकादशी व्रत कब? यूं करें भगवान विष्णु की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल, जानें शुभ मुहूर्त

Rama Ekadashi 2022: हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन श्री विष्णु जी की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं रमा एकादशी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published on: October 20, 2022 16:38 IST
Rama Ekadashi 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rama Ekadashi 2022

Rama Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी व्रत रखा जाता है।  इसे कार्तिक कृष्ण एकादशी या रम्भा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ये दिवाली से ठीक चार दिन पहले आती है और इसे सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है। इस दिन श्री विष्णु जी की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि रमा एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से और व्रत रखने से व्यक्ति को उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।  साथ ही यह व्रत करने से मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं। इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है और काम में मन लगता है। धन-धान्य और सुख की प्राप्ति होती है और विवाह संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।  ऐसे में आइए जानते हैं रमा एकादशी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में। 

Rama Ekadashi 2022 Upay: दिवाली से पहले रमा एकादशी व्रत पर करें ये उपाय, प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी

रमा एकादशी व्रत की तिथि

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 04 मिनट से हो रही है और अगले दिन 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर को किया जाएगा।

रमा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

शुक्ल योग - शाम 5 बजकर 48 मिनट तक  (रमा एकादशी के दिन प्रात: काल से ही शुक्ल योग है जो शाम तक रहेगा)

रमा एकादशी व्रत की पूजा करने का शुभ मुहूर्त- सुबह 07 बजकर 50 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक। 

Morning Tips: सुबह उठकर रोज करें ये काम, खुश होगी माता लक्ष्मी बरसेगी खास कृपा

रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि

  • रमा एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत होकर साफ कपड़े धारण करें।
  • उसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। 
  • फिर प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद सबसे पहले भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। 
  • फिर पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और भगवान विष्णु की कथा सुनें। 
  • उसके बाद द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान देकर आशीर्वाद लें। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

Chhoti Diwali 2022: छोटी दिवाली के दिन एक यम दीया जलाने से टल जाएगी अकाल मृत्यु, जानिए यमराज की पूजा के पीछे का पौराणिक महत्व

 

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement