Mankameshwar Temple: प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है। त्रिवेणी की अविरल धारा श्रद्धालुओं को आस्था से भर देती है। देश के कोने-कोने से लोग यहां संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) में डुबकी लगाने आते हैं। तीर्थनगरी प्रयागराज की पावन यमुना तट पर महादेव का दिव्य मनोकामना मंदिर स्थित है। मनकामेश्वर मंदिर आस्था, इतिहास और दिव्यता का अद्भुत संगम है।
मान्यता है कि सच्चे मन और सच्ची भक्ति से महादेव की पूजा करने पर श्रद्धालु की सारी मनोकामना पूरी होती है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही श्रद्धालु का मन भक्ति से भर जाता है।
सावन मास में भक्तों की यहां बहुत भीड़ होती है। यमुना तट पर स्थित होने के कारण रुद्राभिषेक का बेहद महत्व है। कहा जाता है सावन और महाशिवरात्रि में इस मंदिर में रुद्राभिषेक करने से महादेव सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने माता सीता की मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां शिवलिंग की स्थापना किया था। तभी से यह स्थान सिद्धपीठ के रूप में विख्यात हुआ। भक्त यहां अपनी हर मनोकामना पूरा करने के लिए विश्वास लेकर आते हैं। आज भी इस पावन धाम में शिव की अलौकिक आभा और कृपा का अनुभव होता है, जो भक्तों के जीवन को सुख, शांति और आध्यात्मिक आनंद से भर देती है।
मंदिर परिसर में मनकामेश्वर शिव के अलावा सिद्धेश्वर और ऋणमुक्तेश्वर महादेव के शिवलिंग भी विराजमान हैं। भोलेनाथ के अलावा बजरंगबली की दक्षिणमुखी मूर्ति भी है।
कैसे पहुंचे
यह मंदिर प्रयागराज के नैनी पुल के समीप है। प्रयागराज जंक्शन से आपको ऑटो और ई-रिक्शा मिल जाएगी। यहां सरस्वती पार्क का आनंद ले सकते हैं। यमुना तट पर नौका विहार का भी लुत्फ उठा सकते हैं। साथ ही स्नैक्स के लिए कैफे भी है। इसके अलावा आप संगम से भी ऑटो या ई-रिक्शा बुक कर के भी आ सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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