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नासिक के कालाराम मंदिर की क्या है मान्यता? जहां जाकर पीएम मोदी ने भी किया कीर्तन

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नासिक के कालाराम मंदिर पहुंचे और वहां उन्होंने मंदिर परिसर में साफ-सफाई की। इस दौरान उन्होंने वहां प्रभु राम का कीर्तन भी किया, आखिर नासिक के इस मंदिर की क्या विशेषता है आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Jan 12, 2024 18:21 IST, Updated : Jan 12, 2024 18:31 IST
Kala Ram Madir- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kala Ram Madir

Ram Mandir: आज पीएम मोदी ने महाराष्ट्र का दौरा किया। आज उन्होंने मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक-एमटीएचएल(अटल सेतु) का उद्घाटन करीब शाम 4 बजकर 30 मिनट पर किया। इस दौरान वह नासिक स्थित कालाराम मंदिर भी पहुंचे वहां पहुंच कर उन्होंने मंदिर परिसर में साफ-सफाई की और वहां बैठ कर भगवान राम का कीर्तन-पूजन भी किया।

पीएम मोदी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में भी शिरकत करेंगे। पीएम मोदी आज नासिक के जिस कालाराम मंदिर में पहुंचें हैं वहां भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय बिताया था। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें।

कालाराम मंदिर का महत्व

  • भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास किया था। वह अपने वनवास काल के दौरान पंचवटी क्षेत्र में पर्णकुटी बनाकर उसमें कुछ समय तक के लिए रहे थे। पंचवटी गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ है। रामायण के अनुसार यह वही जगह है जहां से रावण ने मां सीता का हरण किया था।
  • वर्तमान समय में यह जगह महाराष्ट राज्य के नासिक में पंचवटी नाम से जानी जाती है। रामायण के अनुसार इसी जगह पर रावण की बहन शूर्पणखा की नाक लक्ष्मण जी ने यहां काटी थी। जिससे इस जगह का नाम नासिक पड़ गया जिसका अर्थ होता है जिसकी नाक न हो।
  • कालाराम मंदिर का विशेष महत्व इस जगह भगवान राम के वनवास के समय में रुकने से है। यहां श्री राम के साथ मां जानकी और उनके भाई लक्ष्मण जी भी रुके थे।
  • नासिक के कालाराम मंदिर में भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी की काले रंग की शिला से बनी प्रतिमा है। जिस कारण इस मंदिर का नाम कालाराम पड़ गया।
  • इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि एक बार सरदार रंगारू ओढेकर नाम के एक व्यक्ति को सपने में भगवान राम ने दर्शन दिए और उसने देखा की भगवान राम की मूर्ति गोदावरी नदी के तट में तैर रही है। जब वह सुबह उठ कर नदी के तट के पास गया तो उसने सच में भगवान राम के काले रंग की मूर्ति को देखा और इसे लाकर इस मंदिर में स्थापित कर दिया।
  • बताया जाता है कि कालाराम मंदिर 2000 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का जीर्णोधार सन 1782 में कराया गया था। इस मंदिर के निर्माण में 12 साल लगे थे। 
  • यह मंदिर वहीं स्थित है जहां भगवान राम ने 14 वर्षों के वनवास के दौरान समय बिताया था। उन्होंने लगभग ढाई वर्ष यहीं बिताए थे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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