भारत के पिछले इंग्लैंड दौरे पर लॉर्ड्स टेस्ट में अजिंक्य रहाणे ने ग्रीन टॉप विकेट पर ऐतिहासिक शतक लगाया था। रहाणे की उस पारी ने इंग्लैंड को उसके घर पर तोड़कर रख दिया था और टीम इंडिया ने इतिहास में कभी ना भूलने वाली जीत हासिल की थी। अजिंक्य रहाणे ने 154 गेंदों पर 15 चौके और 1 छक्के के साथ 103 रन बनाए थे। इस दौरान रहाणे 234 मिनट खूंटा डालकर खड़े रहे। इस दौरे पर रहाणे ने 1 शतक के साथ 2 अर्धशतक भी बनाए थे।
वैसे रहाणे एकमात्र बल्लेबाज़ नहीं है, जो इंग्लिश परिस्थितियों में शतक बनाने का अनुभव रखते है बल्कि उनकी ही तरह तकनीकी क्रिकेट के माहिर बल्लेबाज़ मुरली विजय भी ये कारनामा कर चुके हैं। मुरली विजय ने नॉटिंघम टेस्ट की पहली पारी में 361 गेंदों पर 25 चौके और 1 छक्के के साथ 146 रन बनाए। इस पारी में मुरली विजय ने क्रीज पर 468 मिनट बिताए। जिस दौरे पर भारतीय बल्लेबाज़ रनों के लिए जूझ रहे थे। वहां अकेले नॉटिंघम टेस्ट में ही मुरली विजय ने शतक के बाद अर्धशतक भी बनाया। इस दौरे पर रहाणे की ही तरह मुरली विजय ने भी 1 शतक के साथ 2 अर्धशतक बनाए।
मुरली विजय और रहाणे अब पहले से कहीं ज्यादा परिपक्व और ज़िम्मेदार हो गए हैं। खासकर रहाणे को तो विदेश में खेलने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है। आकंड़े इसकी गवाही भी देते हैं। रहाणे क्यों विदेशी सरजमीं के बादशाह है, वो समझिए। अजिंक्य रहाणे की घर पर औसत 49.14 की है, जबकि विदेश में ये बढ़कर 54.92 हो जाती है। घर पर 3 शतक की तुलना में रहाणे ने विदेश में 6 शतक बनाए। जबकि घर पर लगाए 3 अर्धशतक की तुलना में रहाणे ने विदेश में 9 अर्धशतक बनाए।
आकंड़े साफ इशारा कर रहे है कि रहाणे कैसे विराट के इंग्लैंड में जीत के सपने को साकार कर सकते हैं। रहाणे मिडिल ऑर्डर में जहां जीत की कुंजी बनने वाले है, तो वहीं मुरली विजय को भी सबसे अहम ओपनिंग स्लॉट में एक बार फिर वो ही काम करना होगा। जो उन्होंने पिछले दौरे के शुरुआती टेस्ट मुकाबलों में उन्होंने किया था