Friday, May 10, 2024
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EXCLUSIVE | हरभजन सिंह का कोहली-रोहित कैप्टेंसी विवाद पर बड़ा बयान

क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद खबरें है कि भज्जी राजनीति में अपनी दूसरी पारी कि शुरुआत कर सकते हैं।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: December 27, 2021 19:36 IST

Highlights

  • हरभजन सिंह ने रिटायरमेंट के बाद इंडिया टीवी से खास बातचीत की
  • इस दौरान उन्होंने कोहली और गांगुली के बीच चल रहे विवाद पर अपनी राय रखी
  • भज्जी ने भारत के लिए आखिरी मैच 2015 में खेला था

भारतीय पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेने का ऐलान किया है। हरभनज सिंह ने भारत के लिए 2015 में अपना आखिरी मैच खेला था। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद खबरें हैं कि भज्जी राजनीति में अपनी दूसरी पारी कि शुरुआत कर सकते हैं, मगर इससे पहले उन्होंने अपने करियर पर एक बुक लॉन्च करने का फैसला किया है। हरभजन सिंह ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में बताया है कि उनकी यह किताब पूरी हो चुकी है और इसे वह आईपीएल 2022 से पहले या फिर भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले लॉन्च कर सकते हैं।

हरभजन सिंह ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत के दौरान विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच विवाद से लेकर अपने सचिन तेंदुलकर के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी खुलकर बात की। हरभजन सिंह ने कहा कि उन्होंने रिटायरमेंट लेने में थोड़ी देर कर दी, मगर वह इसके बारे में काफी सालों से सोच रहे थे। भज्जी ने कहा "मुझे लगता है कि मैंने यह फैसला थोड़ी देरी से जरूर लिया। 2016 में जब मैं आखिरी बार टीम में था तो मुझे खेलने का मौका नहीं मिल रहा था। इतने साल क्रिकेट खेलकर कई रिकॉर्ड अपने नाम कर जब मुझे प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिल रहा था तो मुझे सोचना चाहिए था कि आगे का रास्ता मेरे लिए क्या होगा? मैं लेट जरूर हो गया, मैं सोच रहा था कि आईपीएल के बीच रिटायर हो जाऊंगा और ऐसा करते करते मैं यहां तक पहुंच गया। 2017-18 में मैं रिटायर कर भी जाता तो कोई बड़ी बात नहीं होती।"

सिलेक्टर मुझे और अच्छे से हैंडल कर सकते थे

2015 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेलने वाले भज्जी ने कहा कि सिलेक्टर उन्हें और अच्छे से हैंडल कर सकते थे, मगर जिस तरह उन्हें टीम से बाहर किया गया वह अभी भी उनके लिए रहस्य बना हुआ है। हरभजन सिंह ने कहा "2011 में जो टीम वर्ल्ड कप जीती वह फिर कभी एक साथ नहीं खेली। वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम फिर कभी एक साथ ना खेले यह ताजुब की बात है। मैं 31 साल का था जब मैंने 400 विकेट लिए थे। मैं इसके बाद अपने करियर में 100 से 200 और विकेट ले सकता था, लेकिन मुझे खिलाया नहीं गया। 400 विकेट लेने वाले खिलाड़ी को कैसे बाहर किया जाता है, यह रहस्य आज तक नहीं खुला है। यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ है, दो वर्ल्ड कप जीताने वाले युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण के साथ भी ऐसा ही हुआ है। ये चीजें और अच्छे तरीके से हैंडल हो सकती थीं।"

कुंबले के साथ साझेदारी

टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले हरभजन की पूर्व कप्तान और स्पिनर अनिल कुंबले के साथ शानदार साझेदारी थी। हरभजन सिंह और अनिल कुंबले ने भारत के लिए 54 मैच एक साथ खेले, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने 501 विकेट चटकाए। कुंबले के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए हरभजन ने कहा "करियर के दौरान अनिल भाई से बहुत कुछ सीखने को मिला। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय टीम को सबसे ज्यादा मैच जीताए हैं अगर वो उस समय मौजूद नहीं होते तो मैं शायद ही इतना बड़ा खिलाड़ी बन पाता। मेरे करियर में उनका बहुत बड़ा रोल रहा है। कुंबले के अलावा सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे सीनियर काफी अच्छे थे। ये मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह हमारा खयाल रखते थे। कुंबले की बात करूं तो वह एक ओर से प्रेशर बनाते थे और मुझे बस दूसरी तरफ से अच्छी गेंद करनी होती थी। अगर मैं विकेट नहीं ले पाता था तो वह विकेट निकाल लेते थे। अनिल भाई को मैं शुक्रिया कहना चाहूंगा।"

सचिन-गांगुली के साथ भज्जी के रिश्ते 

हरभजन सिंह ने करियर में ज्यादातर क्रिकेट सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के साथ ही खेला। सचिन के साथ वह ड्रेसिंग रूम में मस्ती किया करते थे, वहीं गांगुली ही वह शख्स हैं जो उन्हें टीम में लेकर आए थे। सचिन के बारे में उन्होंने कहा "सचिन पाजी से जब मैदान में मैं पहली बार मिला था तो बहुत घबराया हुआ था। शुरुआत में मैं उनके पास नहीं जाता था, डर लगता था कि वह सचिन तेंदुलकर हैं, उनको देखना ऐसा लगता था कि जैसे हम ताजमहल को देख रहे हैं। उनके साथ खेलना और ड्रेसिंग रूम शेयर करना यादगार पल है।" वहीं गांगुली के बारे में भज्जी ने बताया "सौरव गांगुली को मैं अपने बड़े भाई की तरह मानता हूं। उन्होंने जो मेरे लिए किया वो मैं जिंदगीभर नहीं भुला सकूंगा। गांगुली ही वो शख्स हैं जिन्होंने मेरी नैया को पार लगाया है। बहुत से लोग मुझे पीछे खींचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गांगुली ने ऐसा नहीं होने दिया। रणजी में जब मैंने 4 मैच में 28 विकेट लिए थे तब भी कुछ लोग मेरी सिलेक्शन पर अटकलें लगा रहे थे। तब गांगुली ने सभी स्पिनरों को इकट्ठा किया और फिर मेरा सिलेक्शन हुआ।"

कोहली-गांगुली विवाद

पिछले दिनों विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच हुए विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरीं। गांगुली ने कहा कि उन्होंने कोहली से टी-20 कप्तानी ना छोड़ने के लिए कहा था वहीं कोहली ने बताया कि किसी ने उनसे इस बारे में बात नहीं की थी। हरभजन सिंह ने गांगुली और कोहली के विवाद पर कहा कि "हर चीज का मीडिया में जाना जरूरी नहीं है। अगर अच्छा तालमेल हो तो चीजें अंदर ही सिमट जाती हैं, मुझे आज तक नहीं पता कि सौरव गांगुली की तरफ से क्या मैसेज विराट को गया था और विराट ने आकर जो कहा है वो कितना सही है या कितना गलत है? ये दोनों की आपस की बात है। इस बात को आपस में ही खत्म करके मीडिया के लिए एक बयान जारी करते तो ज्यादा बेहतर होता। विराट को लगता है कि उनसे कप्तानी के बारे में बात नहीं की गई तो मैं इस पर यही कहना चाहता हूं कि वह इतना तो डिजर्व करते हैं कि उनसे बात की जाए।" 

कोहली-रोहित कप्तानी विवाद

आईपीएल में 5 बार मुंबई इंडियंस को खिताब जीता चुके रोहित शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट की कप्तानी संभाली। सीरीज में उन्होंने जीत के साथ आगाज किया। साउथ अफ्रीका रवाना होने से पहले उन्हें टी20 के साथ वनडे टीम की भी कप्तानी मिली जिससे भारत में एक बार फिर स्प्लिट कैप्टेंसी की योजना पर अमल किय गया, इस पर हरभजन सिंह ने कहा, सफेद गेंद क्रिकेट में अलग और लाल गेंद क्रिकेट के लिए अलग कप्तान होना चाहिए। भज्जी ने ये भी कहा कि अगर रोहित मुंबई इंडियंस की तरह भारत को भी खिताब जीताने में कामयाब होते हैं तो यह शानदार बात होगी।

भज्जी ने कहा "रोहित शर्मा सबसे ज्यादा टूर्नामेंट जीत चुके हैं, सबसे ज्यादा ट्रॉफी उनके पास है तो वह कुछ तो अच्छा कर रहे होंगे। वह बहुत शांत स्वभाव के हैं और उम्र व अनुभव को देखते हुए उन्हें अच्छे समय पर कप्तानी मिली है। इस उम्र में फैसले लेने की ताकत ज्यादा अच्छी होती है। रोहित ने मुंबई के लिए जो काम किया है जितनी ट्रॉफी जीती है अगर उतनी ही ट्रॉफी वह भारत को जीता दें तो बहुत बड़ी बात है। मैं भी यही मानता हूं की सफेद गेंद क्रिकेट में एक और लाल गेंद क्रिकेट में एक कप्तान होना चाहिए।"

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