Friday, May 10, 2024
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डोपिंग के आरोपों से मुक्त होने के बाद अर्जुन पुरस्कार हासिल करने की पूरी कोशिश करेंगी संजीता चानू

चानू ने कहा,‘‘मैंने पहली बार 2016 में अर्जुन पुरस्कार के लिये आवेदन किया था लेकिन तब मुझे यह पुरस्कार नहीं मिला। मुझे योग्य होने के बावजूद 2017 में भी नजरअंदाज कर दिया गया।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: June 11, 2020 15:16 IST
Sanjita Chanu will try her best to win Arjuna Award after being freed from doping charges- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Sanjita Chanu will try her best to win Arjuna Award after being freed from doping charges

नई दिल्ली। डोपिंग के आरोपों से मुक्त होने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की चैंपियन वेटलिफ्टर संजीता चानू को उम्मीद है कि वह इस साल प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार हासिल करने में सफल रहेगी। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के बाद चानू के खिलाफ डोपिंग के आरोप खारिज कर दिये जिससे यह 26 वर्षीय खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार के लिये आवेदन कर सकती है। 

चानू ने मणिपुर से पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने पहली बार 2016 में अर्जुन पुरस्कार के लिये आवेदन किया था लेकिन तब मुझे यह पुरस्कार नहीं मिला। मुझे योग्य होने के बावजूद 2017 में भी नजरअंदाज कर दिया गया। लेकिन इसके बाद डोप मामले के कारण मैं इसके लिये अयोग्य हो गयी। मैं अब इसे हासिल करने के लिये कोशिश करूंगी।’’ 

चानू ने 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में क्रमश: 48 किग्रा और 53 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीते थे। वह पिछले चार वर्षों से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने की कोशिश में लगी है। चानू को जब 2017 में दूसरी बार नजरअंदाज किया गया तो उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने अर्जुन पुरस्कार समिति को चुनौती दी थी। 

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उच्च न्यायालय ने पुरस्कार समिति को चानू के नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिये विचार करने और अपना फैसला मुहरबंद लिफाफे में रखने और उसके डोपिंग आरोपों से मुक्त होने की स्थिति में ही उसका खुलासा करने के लिये कहा था। चानू आठ जून को डोपिंग के आरोपों से बरी हो गयी। इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछल महीने पुरस्कार के लिये आवेदन किया था क्योंकि उनका अस्थयी निलंबन हटा दिया गया था और आईडब्ल्यूएफ ने उन्हें टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति दे दी थी। 

लेकिन उनका मामला खत्म नहीं हुआ था और इसलिए भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) ने उन्हें सूचित किया कि वह खेल पुरस्कार पाने के अयोग्य है जो कि डोपिंग में लिप्त रहने वाले खिलाड़ी को नहीं दिये जाते हैं। लेकिन आईडब्ल्यूएलएफ ने बुधवार को खेल मंत्रालय को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के बारे में लिखा। 

चानू ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया तथा ग्लास्गो और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में डोपिंग के बिना दो पदक जीते। मैं 11-12 साल से इस खेल में हूं। मैं नहीं जानती कि अभी तक मुझे इस पुरस्कार से क्यों नजरअंदाज किया गया। ’’ राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिये आवेदन की तिथि खेल मंत्रालय ने 22 जून तक बढ़ा दी है।

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