दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कहा कि उनका लक्ष्य दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनना है और वह शीर्ष स्थान हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। कुछ महीने पहले करियर की सर्वश्रेष्ठ दूसरी रैंकिंग हासिल करने वाली सिंधू ने कहा कि जब आठ साल की उम्र में उन्होंने पहली बार खेलना शुरू किया था तो उनका लक्ष्य भारत का प्रतिनिाधित्व करना था।
सिंधू ने कहा, ‘जब मैंने आठ साल की उम्र में खेलना शुरू किया तो मेरा सपना भारत के लिए खेलना था और यह मेरा पहला सपना था। जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया तो जब एक दिन मैंने सोचा कि मुझे दुनिया में शीर्ष पर होना चाहिए।’ रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधू ने कहा, ‘मैं दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने का प्रयास कर रही हूं। अब मेरा सपना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनना है और निश्चित तौर पर मैं इस ओवर बढ़ रही हूं। मैं खुद को वहां देखना चाहती हूं।’
सिंधू यहां अपने स्कूल ‘आक्सिलम हाई स्कूल’ एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान छात्रों और शिक्षकों से बात कर रही थी। सिंधू ने कहा कि उनकी मां उनके लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा यह कहने के लिए मौजूद रही कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो और जो भी करो उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दो। साहसी बनो और मजबूत रहो और सभी महिलाओं को ऐसा करना चाहिए और खुद पर विश्वास रखना चाहिए।’