श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना की आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग के अंदर बचाव अभियान मंगलवार को दुर्घटना के 11वें दिन भी तेजी से जारी है। अधिकारियों को विश्वास है कि क्षतिग्रस्त ’कन्वेयर बेल्ट’ आज चालू हो जाएगी। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सुरंग हादसे के बाद से अंदर फंसे हुए 8 लोगों को खोजने के प्रयासों में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। बचावकर्मी हर दिन तीन पालियों में काम कर रहे हैं।
आज से चालू हो जाएगी कन्वेयर बेल्ट
उन्होंने कहा कि मलबा हटाने और पानी निकालने की प्रक्रिया जारी है। उम्मीद है कि दुर्घटना के बाद क्षतिग्रस्त हुई ‘कन्वेयर बेल्ट’ आज से चालू हो जाएगी। यह बेल्ट सुरंग से कीचड़ और अन्य मलबे को आसानी से बाहर निकालने में उपयोगी होगी।
सुरंग के अंदर जमा कीचड़ और पानी बड़ी चुनौती
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार की शाम को बताया कि राज्य सरकार बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए बचाव अभियान में रोबोट तैनात करने के विकल्प पर विचार कर रही है। सुरंग के अंदर भारी मात्रा में कीचड़ और पानी होने के कारण बचाव अभियान में शामिल टीमों के लिए चुनौती उत्पन्न हो गई।
22 फरवरी से फंसे हैं 8 लोग
एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से 8 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

रोबोट का भी लिया जा सकता है सहारा
नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने सोमवार शाम को कहा कि बचाव प्रयासों में रोबोट को शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है क्योंकि बचावकर्मियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को सुरंग स्थल का दौरा किया।
फंसे हुए लोगों के वास्तविक स्थान का नहीं चला पता
उन्होंने कहा कि एसएलबीसी के निर्माणाधीन खंड के ढहने के बाद सुरंग के अंदर फंसे हुए 8 लोगों के वास्तविक स्थान का अब भी पता नहीं चल पाया है। उनकी सरकार बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि क्षतिग्रस्त ‘कन्वेयर बेल्ट’ की मरम्मत हो जाने के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संकट को हल करने के लिए दृढ़ है और पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए भी तैयार है।
(भाषा के इनपुट के साथ)