AIDS का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। ये अभी तक का जानलेवा रोगा। AIDS को Acquired Immuno Deficiency Syndrome यानि ऐसी बीमारी जो रोग-प्रतिकार शक्ति को कम कर देती है। इस रोग में व्यक्ति अपने इम्यून शक्ति खो देता है।
पूरे विश्व में एड्स की वजह से हर साल हजारों लोगों की जान जाती है, इसीलिए तमाम सरकारें इस जानलेवा बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए कई कार्यक्रम चला रही हैं...
विश्व एड्स दिवस के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-24 की शुरूआत की जिसका उद्देश्य 2030 तक एचआईवी-एड्स को समाप्त करना है। उ
एम्स में चिकित्सा के प्रोफेसर नवीत विग ने ‘वर्ल्ड एड्स डे’ पर आयोजित एक संवादात्मक सत्र के दौरान कहा, ‘‘सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समेकित किए जाने की आवश्यकता है ताकि हमारे संसाधनों का कुशलता से इस्तेमाल किया जा सके।
एक रिर्पोट के अनुसार 1981 से 2012 तक दुनिया भर में करीब 36 मिलियन लोग शिकार होने के बाद जान गवां चुके है। हम हमेशा इस बात को मानते चले आ रहे है कि एड्स सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर्स से फैलता है, लेकिन ये सच नहीं है। कई और भी लोग है। जिनमें एड्स सबसे
एड्स दुनिया में किसी महामारी से कम नहीं है। भारत के साथ वैश्वि देशों में भी यह तेजी से फैल रहा है। इसलिए लोगों को महामारी से बचाने और जागरुक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे के रुप में मनाया जाता है। जानिए इसके बारें में सब कुछ...
दीपावली से पहले केंद्रीय मंत्रीमंडल ने केंद्र और राज्य यूनिवर्सिटी तथा एडेड कॉलेज के 7.58 लाख शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग का फायदा देने का फैसला किया है।
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2016 में एड्स ने करीब 10 लाख लोगों की जान ली। यह 2005 में इस बीमारी से हुई मौत के आंकड़ों से लगभग आधा है जब इसका प्रकोप चरम पर था।
नई दिल्ली: अब सरकार जरूरी दवाओं को कम दामों में मुहैया कराने की योजना बना रही है। अपने जन-औषधि स्टोर्स के जरिए आवश्यक दवाएं 40 से 60 प्रतिशत कम दर पर मिलेगी। यह जानकारी उर्वरक
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