स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है। यह अब तक स्वैच्छिक था। पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।
सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की गयी है। पहले चरण में 256 जिलों को इसके दायरे में लिया जाएगा।
उद्योग संगठन ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआईएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी पेंच है और अस्पष्टता है।
जीजेसी ने सभी आभूषण विक्रेताओं से खुद को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत कराने का आग्रह किया है।
खरा सोना खरीदना अब आपके लिए आसान होगा। सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वैलरी पर अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम को लागू कर दिया है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि गहनों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग (गुणवत्ता का ठप्पा) के आदेश का पालन नहीं करने वाले सुनारों पर अगस्त तक कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
16 जून से देश के 256 जिलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग योजना लागू हो गयी है। जिसके बाद अब हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी ही बिक्री के लिये उपलब्ध होगी
16 जून से केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी। अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी।
कई बार डैड लाइन बढ़ने के बाद आखिरकार आज से देश भर में गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम लागू हो गया है।
कल नया महीना शुरू होने जा रहा है। जून का यह महीना कई बड़े बदलाव लाने जा रही है।
ग्राहकों को सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिये सरकार जल्द से जल्द गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना चाहती है
गडकरी ने गोयल से आग्रह करते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे को देखें और भारत सरकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत उचित कदम उठाने का कष्ट करें।
देश में पहली जून से सोने की ज्वैलरी में बीआईएस की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी, और सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहनों की ही बिक्री हो सकेगी।
जीजेसी ने कोविड-19 स्थिति के कारण हॉलमार्किग समय-सीमा को जून 2021 के बजाये जून 2022 तक बढ़ाने की मांग की है।
1 जून से, ज्वेलर्स को केवल 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी ही बेचने की अनुमति होगी।
भारत में सोने की शुद्धता पर भारतीय मानक ब्यूरो नजर रखता है। ब्यूरो के मापदंडों के आधार पर ब्यूरो के द्वारा तय किए गए केंद्रों में आभूषण की जांच की जाती है जिसके बाद जांच की मुहर आभूषण पर लगती है, जिसे हॉलमार्किंग कहते हैं।
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सरकार ने सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन हॉलमार्क ज्वेलरी की पहचान न कर पाने के चलते लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।
गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड आर्टिफैक्ट की हॉलमार्किंग के लिए समयसीमा को बढ़ा कर पहली जून 2021 कर दिया है। पहले इसके लिए 15 जनवरी 2021 की समयसीमा दी गई थी। नियमों के मुताबिक तय सीमा के बाद से ज्वैलर्स सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट की हॉलमार्क ज्वैलरी ही बेच सकेंगे
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