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अनिवार्य स्वर्ण हॉलमार्किंग: पहले चरण में तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश जिले शामिल

सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की गयी है। पहले चरण में 256 जिलों को इसके दायरे में लिया जाएगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Jul 12, 2021 10:17 pm IST, Updated : Jul 12, 2021 10:17 pm IST
अनिवार्य स्वर्ण हॉलमार्किंग: पहले चरण में तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश जिले शामिल- India TV Paisa

अनिवार्य स्वर्ण हॉलमार्किंग: पहले चरण में तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश जिले शामिल

नई दिल्ली: सोने को लेकर बेहद जरुरी खबर है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे तीन शीर्ष राज्य हैं जहां अधिकांश जिलों में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग (गुणवत्ता चिह्न लागने की अनिवार्य व्यवस्था) के पहले चरण की शुरुआत की जा रही है। सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की गयी है। पहले चरण में 256 जिलों को इसके दायरे में लिया जाएगा। इससे पहले सोने की हॉलमार्किंग की व्यवस्था स्वैच्छिक प्रकृति की थी। 

मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग के पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 256 जिलों की पहचान की है। राज्यों की सूची में, अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के लिए तमिलनाडु से अधिकतम 24 जिलों की पहचान की गई है, इसके बाद गुजरात (23 जिले) और महाराष्ट्र (22 जिले) हैं। अनिवार्य रूप से सोने की हॉलमार्किंग के लिए पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लगभग 19 जिलों की पहचान की गई है। 

अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली और तेलंगाना में सात-सात जिले, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में (12 जिले), केरल (13 जिले), कर्नाटक (14 जिले) और हरियाणा (15 जिले) की पहचान की गई है। 256 जिलों के सर्राफों को गुणवत्ता के ठप्पे के साथ ही 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति दी गई है। पिछले महीने, सरकार ने अंशधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद आभूषण क्षेत्र में कुछ कंपनियों के लिए सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग में ढील दी। उदाहरण के लिए, सरकार ने 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले सर्राफा कारोबारियों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है।

यह उन लोगों को भी छूट दी गई है जो सरकार की व्यापार नीति के अनुसार आभूषणों का निर्यात और पुन: आयात करते हैं, जो आभूषण अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के साथ-साथ सरकार द्वारा अनुमोदित बी 2 बी घरेलू प्रदर्शनियों के लिए होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। मौजूदा समय में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। भारत में करीब चार लाख आभूषण विक्रेता हैं। इसमें से केवल 35,879 बीआईएस प्रमाणित हैं। विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, भारत सालाना 700-800 टन सोने का आयात करता है।

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