Thursday, December 12, 2024
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आखिर कैसे अलग-अलग 2 ग्रुप ने रची RO/ARO पेपर लीक की कहानी, कैसे पहुंचे इन तक एसटीएफ के हाथ?

RO/ARO पेपर लीक दो अलग-अलग ग्रुप ने कराए, पहला एग्जाम सेंटर में हुआ तो दूसरा पेपर छपने गए प्रिंटिंग प्रेस में, आइए जानते हैं कैसे हुआ ये कांड...

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Shailendra Tiwari Published : Jun 24, 2024 10:15 IST, Updated : Jun 24, 2024 10:15 IST
पकड़े गए आरोपी- India TV Hindi
Image Source : SCREENGARB पकड़े गए आरोपी

यूपी एसटीएफ ने आखिरकार RO/ARO पेपर लीक गैंग का पर्दाफाश कर ही दिया। साथ ही इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के कर्मी सहित गैंग के 06 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। जानकारी दे दें कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग ने 11 फरवरी को  RO/ARO पद के लिए प्रीलिम्स एग्जाम 2024 आयोजित किए थे और एग्जाम शुरू होने से पहले ही इसके पेपर लीक हो गए थे।

परीक्षा की रद्द

इसके बाद परीक्षा प्रारम्भ होने से पूर्व ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायत मिलने पर यूपी सरकार ने उक्त परीक्षा को निरस्त कर दिया और प्रश्नपत्र लीक प्रकरण की सम्पूर्ण जांच के लिए एसटीएफ सौंप दी। एसटीएफ के पर्यवेक्षण में विभिन्न टीमों ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू की। इसके बाद टीम जांच में पाया कि सबसे पहले उक्त परीक्षा का प्रश्नपत्र 11 फरवरी की सुबह परीक्षा प्रारम्भ होने से पहले ही प्रयागराज के परीक्षा केंद्र विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज से आउट हुआ था।

इसके बाद एसटीएफ ने इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए परीक्षा केन्द्र में परीक्षा का काम देखने वाले अर्पित विनीत यशवंत, जिसने प्रश्नपत्र आउट कर गैंग को उपलब्ध कराया था, के साथ-साथ गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और साथ ही विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज के प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्य की भूमिका के संबंध में भी जांच में जुटी हुई है।

प्रिंटिग प्रेस से भी आउट होने की जानकारी

फिर एसटीएफ के इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव की टीम ने वाराणसी में जांच के दौरान पता चला कि परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा केन्द्र से ही नहीं अपितु प्रिंटिग प्रेस से भी आउट हुई। इसके बाद टीम ने आयोग से पता किया तो जानकारी मिली के परीक्षा का प्रश्नपत्र भोपाल की प्रिटिंग प्रेस में छपवाया गया था। साथ ही पता चला कि एसटीएफ के द्वारा पहले से गिरफ्तार किए गए यूपी कांस्टेबल पुलिस भर्ती का पेपर आउट कराने वाले मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा भी अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ उसी समय भोपाल में ही रह रहा था।

2 तरीक से रद्द की गई परीक्षा

गिरफ्तार आरोपियों से की गई पूछताछ में एसटीएफ ने पाया कि RO/ARO परीक्षा के प्रश्नपत्र को दो तरीके से लीक कराया गया। पहला यह प्रश्नपत्र प्रयागराज स्थित बिसप जान्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज प्रयागराज के परीक्षा कार्य देखने वाले अर्पित विनीत यशवंत को मिलाकर कमलेश कुमार पाल उर्फ के.के., डा. शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला व अरूण सिंह ने प्रश्नपत्र को परीक्षा के दिन दिनांक 11 फरवरी को परीक्षा शुरू होने के पहले ही सुबह लगभग 06.30 बजे परीक्षा केन्द्र से ही मोबाइल फोन से स्कैन कर आउट हो गया था। इस संदर्भ में अर्पित विनीत यशवंत, कमलेश कुमार पाल उर्फ के.के., शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरुण सिंह आदि लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

आरोपी प्रिंटिंग प्रेस में करता था काम

दूसरा उक्त प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से आउट करा लिया गया था। इस संबंध में छानबीन से पाया गया कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दूबे एवं सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। विशाल दूबे और सुनील रघुवंशी वर्ष 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक ही साथ पढ़े थे। सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर नौकरी करने लगा और सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा।

दोनों करते थे एडमिशन कराने का काम

विशाल दूबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में इच्छुक छात्रों का एडमिशन कराने का भी काम करते थे। इसी सिलसिले में इन दोनों की सुभाष प्रकाश से जान-पहचान और दोस्ती हो गई। विशाल दूबे को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिटिंग प्रेस में नौकरी करता है तो यह बात विशाल दूबे ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल एवं सुभाष प्रकाश को बताई। इस पर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल ने दोनों से कहा कि तुम लोग सुनील रघुवंशी के संपर्क में रहो और यूपी में होने वाली किसी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिए आता है तो इस बारे में बताने और प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिये सुनील रघुवंशी को तैयार करो। विशाल दूबे ने सुनील रघुवंशी को पैसे का लालच देते हुए कहा कि यूपी में होने वाली किसी भी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिए आता है तो तुरंत बताना। पैसे के लालच में आकर सुनील रघुवंशी तैयार हो गया।

साथियों को दी पेपर आने की सूचना

कुछ समय के बाद सुनील रघुवंशी ने अपने साथी विशाल दूबे को बताया कि प्रिटिंग प्रेस में एक प्रश्नपत्र छपने के लिए आया है, जिसमें से एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न है तथा दूसरे प्रश्नपत्र में 40 प्रश्न हैं। इसकी चर्चा विशाल दूबे ने अपने पूर्व परिचित राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश से किया। चूंकि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा की प्रक्रिया चल रही थी और पहले के पैटर्न के मुताबिक, इस परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में 140 व दूसरे में 40 प्रश्न ही पूछे जाते हैं, इस आधार पर राजीव नयन मिश्रा और विशाल दूबे ने सुभाष प्रकाश व सुनील रघुवंशी को बताया कि यह RO/ARO की परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र छपने के लिए आया हुआ है। राजीव नयन मिश्रा, विशाल दूबे एवं सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया।

10 लाख की मांग की

सुनील रघुवंशी उक्त प्रश्नपत्र को उपलब्ध कराने के लिये 10 लाख रुपये की मांग करते हुए उम्मीदवारों को उक्त प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाए जाने की शर्त रखी, ताकि बड़े पैमाने पर प्रश्नपत्र वायरल न होने पाए, जिसपर राजीव नयन मिश्रा, विशाल दूबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गए। उक्त प्रश्नपत्र को आउट कराने की योजना तैयार हो जाने के उपरान्त सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की छपाई पर नजर रखने लगा और प्रिटिंग प्रेस के मशीन की मरम्मत के नाम पर प्रिटिंग प्रेस मशीन के आस-पास रहकर सही व सुरक्षित समय का इंतजार करने लगा। जानकारी दे दें कि प्रिटिंग के दौरान यदि कोई प्रश्नपत्र स्याही आदि के कारण थोड़ा बहुत खराब हो जाता है, तो उसे छांट कर अलग रखा जाता है और जिसे बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है।

हर छात्र से तय किए 12 लाख रुपये

फिर 3 फरवरी को सुनील रघुवंशी मशीन की मरम्मत के नाम पर वहां मौजूद था और मौका देखकर प्रिटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर अपने पीने के पानी के बोतल के साथ लेकर प्रेस से आ गया। इन्हीं में प्रश्नपत्र छिपाकर बाहर ले आया था। प्रश्नपत्र को अपने घर पर ले जाकर रख दिया। इसकी जानकारी विशाल दूबे को दिया और विशाल दूबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व सुभाष प्रकाश को बताया। इसके बाद इन लोगों ने आपस में तय किया कि 8 फरवरी को अभ्यर्थियों और सॉल्वर को लेकर कोमल होटल में इकठ्ठा होंगे। होटल में ही सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर उम्मीदवारों को पढ़वा दिया जाएगा। राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व उसके गैंग के सदस्यों ने प्रति अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपये तय किया।

8 फरवरी को पहले से प्लानिंग के तहत कोमल होटल पर सबसे पहले विशाल दूबे अपने साथ संदीप पाण्डेय को लेकर पहुंचा। इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 6-6 फोटो कॉपी कराकर वहां पहुंचा। सुभाष प्रकाश ने गाइड व मोबाइल फोन से प्रश्नपत्रों को हल कराया और वहां मौजूद अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया। विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा अभ्यर्थियों को लेकर कोमल होटल पहुंचे थे, जिन्हें हल प्रश्नपत्र वहां पढ़ाया गया था।

फोन में मिले अहम सबूत

गौरतलब है कि गैंग के प्रमुख सदस्य सुभाष प्रकाश ने खुद भी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का फार्म भरा था। इसी दौरान विशाल दूबे व सुभाष प्रकाश ने अपने मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल को भेज दिया। सुभाष प्रकाश के पास से बरामद आईफोन को खोलवाकर देखने पर पाया गया है कि सुभाष प्रकाश द्वारा प्रश्नपत्रों का फोटो खींचकर 09 फरवरी को ही रात्रि समय 10.31 बजे सामान्य हिन्दी का प्रश्नपत्र क्रमांक 4131167 और 10.32 बजे सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र क्रमांक 1398546 अपने गैंग के सदस्यों को व्हाट्सटप किया गया है।

एक महिला का भी आया नाम

बता दें कि ये दोनों उसी क्रमांक वाले प्रश्नपत्र हैं, जो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे। इसके बाद राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच में वह प्रश्नपत्र अपने गैंग के सदस्यों शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, अरूण कुमार सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री व पुष्कर आदि के साथ-साथ अपने अन्य एजेंटों को भेजकर पढ़वाया और इस तरह से यह प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस गैंग में सरगना राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल की परिचित शिवानी नाम की महिला भी शामिल है। शिवानी ही राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल के पैसों के लेन देन का काम देखती थी। बता दें कि एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 1 लैपटॉप, 6 मोबाइल फोन, मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, 5 ब्लैक चेक बरामद किया है।

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