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कौन है वह लड़का जो हमेशा दिखता था रतन टाटा के साथ? तस्वीरें भी होती हैं वायरल

रतन टाटा पिछले कुछ दिनों पहले बिमार हुए जिसके बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर कल यानी 9 अक्टबूर 2024 की रात उनका निधन हो गया जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर है।

Edited By: Adarsh Pandey
Published : Oct 10, 2024 12:43 IST, Updated : Oct 10, 2024 14:02 IST
रतन टाटा के साथ हमेशा...- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA रतन टाटा के साथ हमेशा नजर आता था शांतनु नायडू

हमारे देश में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो रतन टाटा को न जानता हो। हमारे देश के युवा से लेकर बुजुर्ग तक, हर किसी के मुंह से आपने कभी न कभी रतन टाटा का नाम जरूर ही सुना होगा। रतन टाटा हमारे देश के एक ऐसे उद्योगपति रहे जिन्हें हर कोई पसंद करता है। मगर दुख की बात यह है कि 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया से विदा ले लिया। कुछ दिनों पहले रतन टाटा की तबीयत खराब हुई जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर 9 अक्तूबर की रात उनका निधन हो गया। रतन टाटा के निधन से पूरा देश दुखी है।

कौन है वह लड़का?

आपने सोशल मीडिया पर कई बार रतन टाटा का वीडियो या फिर उनकी फोटो देखी होगी जिसमें वो एक लड़के के साथ नजर आए होंगे। दरअसल, उस लड़के का नाम शांतनु नायडू है और वो रतन टाटा के मैनेजर और पर्सनल असिस्टेंट हैं। रतन टाटा के साथ शांतनु नायडू पिछले कुछ सालों से काम कर रहे हैं। वे रतन टाटा के ऑफिस में GM हैं। रतन टाटा के कारोबार के साथ-साथ उनके निवेश को भी शांतनु ही हैंडल करते हैं। रतन टाटा शांतनु पर सबसे ज्यादा भरोसा किया करते थे। इतना ही नहीं रतन टाटा शांतनु के आइडियाज के बहुत बड़े फैन थे और वो स्टार्टअप निवेश के लिए शांतनु से ही आइडिया लिया करते थे।

Screen Grab

Image Source : SOCIAL MEDIA
रतन टाटा का मैनेजर और पर्सनल असिस्टेंट है शांतनु

शांतनु नायडू का करियर

शांतनु एक ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर हैं और उन्होंने कॉर्नल से MBA भी किया है। कॉर्नल से MBA करने के लिए रतन टाटा ने ही शांतनु की मदद की थी। इसके बाद रतन टाटा खुद शांतनु के ग्रेजुएशन प्रोग्राम में शामिल होने कॉर्नल यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। बाद में शांतनु को टाटा के साथ काम करने का मौका मिला। शांतनु की खुद की भी कंपनी है। जिसका नाम गुडफेलो है। यह कंपनी बुजुर्गों को उनके अंतिम क्षणों में बेहतरीन सुविधाएं देने का काम करती है। इसके अलावा उनकी एक NGO भी है। जिसका नाम मोटोपॉज है। ये कंपनी कुत्तों के लिए रिफलेक्टर कॉलर बनाती है। जो अंधेरे में चमकते हैं और उन्हें सड़क पर होने वाले हादसों से बचाती है। इस NGO को शुरु करने के लिए शांतनु के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए शांतनु ने अपने पिता के कहने पर रतन टाटा को अपने हाथों से पत्र लिखा। फिर रतन टाटा नें शांतनु से मिलने के लिए न्यौता भेजा।

शांतनु नायडू ने जताया दुख

रतन टाटा के निधन के बाद शांतनु नायडू को काफी दुख पहुंचा है और लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है, 'इस दोस्ती ने अब मेरे अंदर जो खालीपन पैदा कर दिया है, मैं अपनी बाकी की जिंदगी उसे भरने में लगा दूंगा। प्यार के लिए दुख की कीमत चुकानी पड़ती है। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस।'

Screen Grab

Image Source : LINKEDIN
शांतनु नायडू ने जताया दुख

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