Friday, April 26, 2024
Advertisement

Zomato शुद्ध शाकाहारियों को पहुंचाएगा खाना, 'Pure Veg Fleet' नाम से शुरु सर्विस की सोशल मीडिया पर हो रही खिंचाई

Zomato ने प्लेटफॉर्म पर 'प्योर वेज फ्लीट' और 'प्योर वेज मोड' को लॉन्च किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया। कई लोगों ने इस पहले को भेदभावपूर्ण बताया तो कई लोगों ने इसकी तारीफ भी की।

Pankaj Yadav Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: March 19, 2024 23:31 IST
सांकेतिक तस्वीर।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA सांकेतिक तस्वीर।

Zomato ने अब शुद्ध शाकाहारियों के लिए एक नई सर्विस शुरू की है। अगर आप शुद्ध शाकाहारी हैं और किसी ऐसी जगह के खाने से बचते हैं, जहां मांसाहारी खाना भी परोसा जाता है, तो Zomato ने ये सर्विस आप जैसे ही लोगों के लिए शुरू की है। Zomato के को-फाउंडर और CEO दीपिंदर गोयल ने अपने प्लेटफॉर्म पर 'प्योर वेज फ्लीट' और 'प्योर वेज मोड' को लॉन्च किया है। इस प्योर वेज मोड में कस्टमर्स के लिए ऐसे रेस्टोरेंट शामिल होंगे, जो केवल शाकाहारी भोजन परोसते हैं। वैसे रेस्टोरेंट को इस मोड से बाहर रखा जाएगा जहां नॉन वेज फूड परोसा जाता है।

Zomato के CEO ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस सर्विस के बारे में बताते हुए Zomato CEO दीपिंदर गोयल ने कहा- ये प्योर वेज मोड और प्योर वेज फ्लीट किसी धर्म या राजनीति पार्टी विशेष को सर्व करने के लिए नहीं लाया गया है। इससे उन लोगों को विशेष सर्विस मिलेगी, जो कि प्योर वेज रेस्टोरेंट से खाना मंगाना चाहते हैं। गोयल ने आगे यह भी लिखा- "भारत में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग रहते हैं और हमें जो फीडबैक मिलते हैं उसमें सबसे महत्वपूर्ण ये है कि लोग इस बात का विशेष ख्याल रखते हैं कि उनका खाना कैसे पकाया जाता है और कैसे उन तक पहुंचाया जाता है।"

सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना

इस सर्विस को लेकर एक खास वर्ग के लोग सोशल मीडिया पर जोमैटो के सीईओ की आलोचना की। एक यूजर ने कमेंट कर लिखा- जोमैटो के प्योर वेज से भेदभाव हो सकता है। "ऐसे कई उदाहरण हैं जब लोगों ने भोजन की डिलीवरी को अस्वीकार कर दिया क्योंकि डिलीवरी एजेंट मुस्लिम था। उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया तर्क यह भी था कि "हम नहीं चाहते थे कि हमारे भोजन की शुद्धता खराब हो"। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर 'शुद्ध शाकाहारी' ज़ोमैटो पहल से अधिक भेदभाव हो।'' दूसरे ने लिखा- "ऐप को हटा रहा हूं। मैं फिर कभी ज़ोमैटो का उपयोग नहीं करूंगा। यह जातिवादी और आपराधिक है। आशा है कि कोई उन पर मामला दर्ज करेगा।" ऐसे कई यूजर्स जोमैटो के इस पहल तो भेदभाव पूर्ण बता रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स इसे एक बेहतरीन पहल बता रहे हैं।

ये भी पढ़ें:

"राहुल गांधी के PM बनने तक उधार बंद", बिजनेस में नुकसान से बचने के लिए दुकानदार ने अपनाया ये रास्ता

बेंगलुरु में बनाया गया 123 फुट का Dosa, दुनिया में अब तक का सबसे लंबा, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज, देखें Video

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें वायरल न्‍यूज सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement