Tuesday, April 30, 2024
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क्वाड से और गहराई भारत-आस्ट्रेलिया की दोस्ती, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को मिलेगी कड़ी चुनौती

क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) यानि की चतुर्भुज सुरक्षा संवाद का हिस्सा बनने के बाद से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दोस्ती की डोर और भी अधिक मजबूत हुई है। भारत और आस्ट्रेलिया के साथ ही साथ अमेरिका और जापान भी क्वाड के हिस्से हैं। क्वाड के गठन से सर्वाधिक चिंता चीन को हुई है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: February 18, 2023 23:43 IST
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज- India TV Hindi
Image Source : FILE भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज

नई दिल्ली। क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) यानि की चतुर्भुज सुरक्षा संवाद का हिस्सा बनने के बाद से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दोस्ती की डोर और भी अधिक मजबूत हुई है। भारत और आस्ट्रेलिया के साथ ही साथ अमेरिका और जापान भी क्वाड के हिस्से हैं। क्वाड के गठन से सर्वाधिक चिंता चीन को हुई है। आपको बता दें कि क्वाड संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) जैसा ही एक संगठन है, जो दुनिया में सुरक्षा और स्थिरता की गारंटी सुनिश्चित करने और वैश्विक हितों के मद्देनजर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। इन चारों देशों ने दक्षिण चीन सागर में ही नहीं, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लिए कड़ी चुनौती पैदा कर दी है।

दरअसल दक्षिण चीन सागर पर दावा ठोंकने के बाद अब चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना आधिपत्य और दादागीरी जमाने की कोशिश करता जा रहा था, जिसे भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान (क्वाड) देशों के संगठन ने रोक दिया है। इससे शी जिनपिंग बिलबिला उठे हैं। भारत अब आस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को लगातार और भी गहरा करता जा रहा है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज समेत वहां के शीर्ष नेतृत्व से शनिवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक अवसरों, लोगों के बीच संबंध, क्रिकेट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत कई विषयों पर चर्चा की। जयशंकर फिजी से यहां पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष को दिया। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मिलकर प्रसन्नता हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत शुभकामना संदेश उन्हें दिया। चर्चा के दौरान हमारी रणनीतिक साझेदारी की भावना प्रतिबिंबित हुई। इस संबंध में हाल के घटनाक्रमों से प्रधानमंत्री अल्बनीज को अवगत कराया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक परिदृश्य समेत कई अहम मुद्दों पर हुई बात

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने ट्वीट किया कि अगले महीने अपनी भारत यात्रा से पहले आज सुबह डॉ.एस.जयशंकर से मिलना बहुत अच्छा रहा। हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक अवसरों और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की, जो हमारे देशों को समृद्ध करते हैं।’’ जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन और विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ भी बैठकें कीं। उन्होंने ट्वीट किया कि जलवायु वित्तपोषण, क्षति व अधिक सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखलाओं को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज सिडनी हार्बर में विदेश मंत्री वोंग के साथ गर्मजोशी भरी और व्यापक चर्चा की। हिंद-प्रशांत रणनीतिक परिदृश्य, क्वाड में प्रगति, जी20 विकास और हमारे संबंधित आस-पास के क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। अपने द्विपक्षीय एजेंडे पर आगे बढ़ने का उल्लेख किया। भारतीय समुदाय को लक्षित करने वाली कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया। जल्द ही नयी दिल्ली में उनका स्वागत करेंगे।

भारत में निवेश के सुरक्षित माहौल का हर कोई कायल
जयशंकर ने ‘सिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट’ कार्यक्रम को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के वैश्विक परिदृश्य में समान विचारधारा वाले देशों को ‘‘अर्थव्यवस्था को जोखिम से मुक्त करने’’ के लिए एकसाथ काम करने और डिजिटल दुनिया की चुनौतियों का सामना करने एवं अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता प्रदान करने वाले संबंधों के निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी बन रही है और सभी हितधारकों के योगदान का स्वागत है।

जयशंकर ने ट्वीट किया कि भारत में आज एक तेजी वाला आर्थिक परिदृश्य और सकारात्मक निवेश माहौल कठिन समय के दौरान लिए गए निर्णयों का परिणाम है। मेक इन इंडिया, इन्वेंट इन इंडिया, पीएलआई, गति शक्ति सब के सब मजबूत हो रहे हैं। सृजन करने, सहयोग करने और विनिर्माण करने की हमारी क्षमता में आर्थिक विश्वास दिख रहा है।’’ जयशंकर पिछले साल फरवरी के बाद से तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं।

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