Friday, March 29, 2024
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Explainer: पापुआ न्यूगिनी और फिजी के राष्ट्राध्यक्ष पीएम मोदी के हुए दीवाने, तो चीन को क्यों लगी मिर्ची, जानिए 5 बड़ी वजह

पीएम मोदी को मिले आश्चर्यजनक सम्मान और अपने 'दादागिरी' वाले इलाके में भारत की मौजूदगी की खबर से चीन को मिर्ची लगी है। जानिए 5 बड़े कारण कि आखिर चीन दखलंदाजी वाले इलाके में भारत के पीएम के दौरे से चीन की टेंशन क्यों बढ़ी होगी।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: May 22, 2023 16:50 IST
पापुआ न्यूगिनी और फिजी के राष्ट्राध्यक्ष पीएम मोदी के हुए दीवाने- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पापुआ न्यूगिनी और फिजी के राष्ट्राध्यक्ष पीएम मोदी के हुए दीवाने

PM Modi Visit: हिरोशिमा में जी7 समिट के तुरंत बाद पीएम मोदी हिंद प्रशांत के द्वीपीय देशों की यात्रा पर पहुंचे और उसके बाद आस्ट्रेलिया का प्रोग्राम। आखिर ऐसी क्या वजह रही कि पापुआ न्यूगिनी के पीएम ने मोदीजी के सम्मान में पैर छुए। वहीं फिजी ने भी अपने देश का सर्वोच्च सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। इतने सम्मान और अपने 'दादागिरी' वाले इलाके में भारत की मौजूदगी से चीन को मिर्ची लगी है। जानिए आखिर चीन दखलंदाजी वाले इलाके में भारत के पीएम के दौरे से चीन की टेंशन क्यों बढ़ी होगी। 

  1. चीन हिंद प्रशांत के इस इलाके के द्वीपीय देशों में लंबे समय से अनावश्यक दखलंदाजी कर रहा है। चीन अपनी इकोनॉमी की ताकत दिखाकर इन देशों को कर्ज देकर और अपनी आर्मी का भय दिखाता था। चीन ने पापुआ न्यूगिनी, फिजी जैसे इन इलाकों में अपना भय दिखाकर यह प्रूफ करने की कोशिश की थी कि चीन को इस इलाके में कोई चैलेंज नहीं कर सकता। लेकिन पीएम मोदी ने चीन के इस भ्रम को तोड़ डाला है। इससे चीन हैरत में पड़ गया है। 
  2. विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह बताते हैं कि लंबे समय से यह इलाका चीन के प्रभाव में था। इससे पहले यहां फ्रांस और आस्ट्रेलिया जैसे देश इन द्वीपीय देशों को मदद करते थे। लेकिन उनकी इकोनॉमी और उनके अपने मसलों में फंसने के बाद जब यह इलाका एक तरह से कटा हुआ सा था, तब चीन ने अपनी धमक दिखाना शुरू कर दिया। 
  3. जिस तरह से पपुआ में झुककर स्वागत हुआ, वो दिखाता है ​कि इंडिया दुनिया की नजर में सम्मानित देश है। वो इसलिए भी कि ये देश जानते हैं कि भारत अनावश्यक रूप से  न प्रभाव जमाता है, न तंग करता है और न ही कर्ज देकर धमकाता है। जबकि चीन पिछले कई दशकों से इन देशों का दोहन कर रहा है। इनकी प्राकृतिक संपदाओं पर भी अपना अधिकार जमा कर इन देशों को मदद के नाम पर खोखला करता रहा है। रहीस सिंह कहते हैं कि इसीलिए उन देशों के लिए आत्मशक्ति बढ़ाने वाला काम मोदीजी का यह दौरा कर रहा है।
  4. एक कारण यह है कि जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत का समूह 'क्वाड' जो स्थापित किया है, वह यह मूलत: हिंद प्रशांत क्षेत्र में दो चीजों को लेकर ही है कि चीन साउथ चाइना सी में अतिक्रमण करता है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने चीन के खिलाफ अपना निर्णय दिया था, उसे भी चीन नहीं मानता है। क्वाड जरूर टली। जापान से संदेश दिया गया कि चीन अतिक्रमण नहीं कर सकता है। उस मीटिंग के बाद जिस टाइमिंग में पीएम मोदी का इन देशों में दौरा हो रहा है, वो बताता है कि क्वाड का विजन यह है कि चीन वहां अतिक्रमण नहीं कर सकता।
  5. इन छोटे द्वीपीय देशों की यात्रा करने का पीएम मोदी का विजन बड़ा है। यह दर्शाता है कि क्वाड के उद्देश्यों के अनुरूप इन देशों की रक्षा होना चाहिए। इसलिए इन देशों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्वाड के इस उद्देश्य से चीन की उन गलत मंशाओं पर बैरिकेट्स लगता है, जो चीन इन देशों में दादागिरी करके पाना चाहता है। 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की पापुआ न्यूगिनी की यात्रा टल जाने और पीएम मोदी की इन द्वीपीय देशों में यात्रा से भारत के लिए कारोबार की नई उम्मीदें सृजित होती हैं और चीन की अकेले दादागिरी करने की गलत मंशा भी धराशायी होती है। भारत की एंट्री के साथ और भारत की लाइन ऑफ क्रेडिट जारी होने के साथ चीन को फिलहाल यह तो समझ आ गया होगा कि भारत अब किस तरीके से इन देशों की मदद करने वाला है। यही कारण है कि चीन को पीएम मोदी के इन द्वीपीय देशों के दौरे से मिर्ची लगी है।

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