Saturday, April 27, 2024
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अमेरिका, लंदन और कनाडा जाने वालों के लिए झटका, 2024 से पहले नहीं मिलेगा वीजा...जानें मुख्य वजह

Foreign Visa: अगर आप अमेरिका, लंदन या कनाडा जैसे देश जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपकी यह योजना खटाई में पड़ सकती है। दरअसल इन देशों का टूरिस्ट वीजा हासिल करने की वेटिंग मार्च और अप्रैल 2024 में दिखा रहा है। यानि 18 माह बाद ही वीजा मिल सकता है। इसके पहले आप इन देशों की यात्रा चाह कर भी नहीं कर सकेंगे।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: August 18, 2022 18:57 IST
प्रमुख देशों में वीजा...- India TV Hindi
प्रमुख देशों में वीजा शुल्क

Highlights

  • 2024 के पहले नहीं कर पाएंगे अमेरिका और लंदन की विदेश यात्रा
  • वीजा मिलने में 18 माह तक की देरी
  • वीजा अप्वाइंटमेंट में देरी से ट्रैवल एजेंसियों का कारोबार होगा चौपट

Foreign Visa: अगर आप अमेरिका, लंदन या कनाडा जैसे देश जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपकी यह योजना खटाई में पड़ सकती है। दरअसल इन देशों का टूरिस्ट वीजा हासिल करने की वेटिंग मार्च और अप्रैल 2024 में दिखा रहा है। यानि 18 माह बाद ही वीजा मिल सकता है। इसके पहले आप इन देशों की यात्रा चाह कर भी नहीं कर सकेंगे। हाल ही में गुड़गांव निवासी एक शाफ्टवेयर इंजीनियर ने अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई किया था। ताकि वह परिवार के साथ वहां जाकर क्रिसमस मना सकें। मगर वेबसाइट पर वर्ष 2024 के पहले का वीजा अप्वाइंटमेंट नहीं मिलने से हैरान रह गए।  इससे शख्स को अपनी यात्रा न चाहते हुए भी रद्द करनी पड़ गई। 

वहीं इस मामले में अमेरिकी दूतावास का कहना है कि वीजा के प्रकार को देखते हुए उसे प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराने के लिए लिए दूतावास में स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी। वीजा में होने वाली इतनी लंबी देरी के चलते अधिकृत ट्रैवल एजेंटों का धंधा भी मंदा पड़ने लगा है। एजेंटों का कहना है कि वीजा मिलने में डेढ़ वर्ष की अधिक देरी के चलते उनका कारोबार मंद पड़ रहा है। 

अमेरिका और लंदन समेत 25 शेंगेन क्षेत्र के यूरोपीय देशों का वीजा मिलने में संकटः वीजा मिलने में यह देरी सिर्फ अमेरिका, कनाडा या लंदन के लिए ही नहीं है, बल्कि शेंगेन क्षेत्र से जुड़े 25 यूरोपीय देशों का भी वीजा हासिल करने में यह समस्या है। इनमें आस्ट्रिया, जर्मनी, बेल्जियम, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिचेंशेन, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्पेन, स्वीडन और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं। इन देशों की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब 15 से 18 माह तक का लंबा इंतजार करना पड़ेगा। यह विदेश यात्रा करने वालों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि उक्त में से अधिकांश यूरोपीय देशों में वीजा के लिए लंबा इंतजार है। सिर्फ स्वीडन और स्विट्जरलैंड ही सितंबर के आखिरी हफ्ते का वीजा अप्वाइंटमेंट दे रहे हैं। वहीं भारत में ब्रिटेन के राजदूत एलेक्स एलिस ने इस देरी के लिए लोगों से खेद व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने विदेश जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों से अनुरोध किया है कि जब तक वीजा नहीं मिल जाता, तब तक एअर टिकेट भी नहीं खरीदें। 

छात्रों-व्यापारियों को अमेरिका देगा प्राथमिकताः अमेरिकी दूतावास ने भी वीजा मिलने में इतनी अधिक देरी के लिए दुख व्यक्त किया है। साथ ही दूतावास में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर वेटिंग टाइम कम करने का भरोसा भी दिलाया है। इसके अतिरिक्त प्राथमिकता की श्रेणी में आने वाले छात्रों, व्यापारियों और खेती के उद्देश्य से जाने वाले किसानों को प्राथमिकता देने की बात कही है। साथ ही कोरोना महामारी के चलते स्टाफ कम होने को भी इसकी वजह बताया है। नए स्टाफ के लिए कुछ नए लोगों को प्रशिक्षित किए जाने की बात भी कही है। 

वीजा की मांग में 32.8 फीसद तक की अप्रत्याशित बढ़ोत्तरीः लंदन के अधिकारियों के मुताबिक भारतीयों के लिए लंदन उनकी पसंदीदा जगहों में से एक है। यही वजह है कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच एक लाख 06 हजार से अधिक लोगों ने वीजा के लिए अप्लाई किया, जो कि वर्ष 2019-20 की तुलना में 328 फीसद से भी अधिक है। वहीं कनाडा के अनुसार भारतीयों की ओर से वीजा की मांगों में 32 फीसद तक की बढ़ोत्तरी हुई है। 

वीजा पाने के लिए क्या है जरूरीः वैसे तो हर किसी का सपना विदेश घूमने का होता है। मगर यह बात अलग है कि हर किसी की यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती। अगर आप भी विदेश घूमना चाहते हैं तो वीजा इसके लिए सबसे जरूरी है। इसके बगैर विदेश यात्रा नहीं की जा सकती। वीजा हासिल करने के लिए किन-किन दस्तावेजों का होना जरूरी है। आइये यह भी जान लेते हैं---

1. वीजा का मतलब विजिटर्स स्टे इंटरनेशनल एडमिशन (वीआइएसए) होता है। यह एक प्रकार का अनुमति पत्र है, जो किसी देश जाने से पहले वहां की सरकार की ओर से अनुमति प्राप्त करना जरूरी होता है। 

2. किसी देश का वीजा बनवाते समय वहां जाने का उद्देश्य और समय भी बताना पड़ता है। इसके बाद ही इसे जारी किया जाता है। 

3. विदेश में व्यापार और शिक्षा ग्रहण करने, विदेश में बसने व घूमने इत्यादि के लिए वीजा हासिल किया जा सकता है। 

4. वैसे तो वीजा कई प्रकार के होते हैं, लेकिन इनमें से दो प्रमुख हैं। पहला नॉन इमिग्रेंट वीजा (यदि आप लंबे समय के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो इसकी जरूरत पड़ती है। इसे गैर प्रवासी वीजा भी कहते हैं) और दूसरा इमिग्रेंट वीजा (यदि आप विदेश जाकर वहीं बसना चाहते हैं तो इमिग्रेंट वीजा की जरूरत पड़ती है। इसे प्रवासी वीजा भी कहते हैं।

5. वीजा संबंधित दूतावास जाकर या फिर आनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। 

6. वीजा बनवाने के लिए पासपोर्ट, वीजा फीस भुगतान की रशीद, फोटो  और मूल इंटरव्यू नियुक्ति पत्र का होना जरूरी है। 

7. वीजा के लिए अलग-अलग देशों के अलग-अलग प्रकार के वीजा और समयावधि के अनुसार अलग-अलग राशि निर्धारित की जाती है। 

 

कुछ प्रमुख देशों की ई-वीजा फीसः

देश                                                   फीस

अमेरिका, रूस व लंदन                           5625 रुपये

चीन, फ्रांस व जर्मनी                               3750 रुपये

 

 

 

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