Thursday, March 28, 2024
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पब्लिक टॉयलेट में फ्लश करने से भी फैलता है कोरोना वायरस, यूं कर सकते हैं अपना बचाव

चीन के रिसर्चर्स ने हाल ही में निष्कर्ष दिया है कि सार्वजनिक शौचालयों में फ्लश करने से वायरस के वाहक कणों के फैलने की संभावना रहती है, जिनमें कोविड-19 भी शामिल है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 19, 2020 18:32 IST
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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL सार्वजनिक शौचालयों में फ्लश करने से वायरस के वाहक कणों के फैलने की संभावना रहती है, जिनमें कोविड-19 भी शामिल हैं।

बीजिंग: चीन के रिसर्चर्स ने हाल ही में निष्कर्ष दिया है कि सार्वजनिक शौचालयों में फ्लश करने से वायरस के वाहक कणों के फैलने की संभावना रहती है, जिनमें कोविड-19 भी शामिल है। 'फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स' नाम की पत्रिका में पब्लिश हुए इस रिसर्च में दावा किया गया है कि कि जब पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद कोई फ्लश करता है तो इनसे कोविड-19 के कण वायु में महज 6 सेकेंड से भी कम समय के अंदर 2 फीट तक ऊपर उठते हैं, ऐसे में व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा रहता है।

‘वायरस से संक्रमित होने की संभावना अधिक’

रिसर्चर्स के इस काम से पता चलता है कि पब्लिक टॉयलेट्स में किसी वायरस से संक्रमित होने की संभावना कहीं अधिक रहती है, खासकर एक ऐसी महामारी के वक्त। अन्य कई रिसर्च में भी इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि मल व मूत्र दोनों से ही वायरस का प्रसार संभव है। चीन में स्थित यंग्जो यूनिवर्सिटी से रिसर्च स्कॉलर जियांगडॉन्ग लियू ने कहा, ‘इसके लिए हमने कंप्यूटेशनल तरल गतिकी की एक विधि का इस्तेमाल किया, ताकि फ्लश करने के दौरान अणुओं की गतिविधियों का एक खाका तैयार किया जा सके।’

‘काफी दूरी तक फैलते हैं छोटे-छोटे कण’
टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद जब हम फ्लश करते हैं, तब गैस और लिक्विड इंटरफेस के बीच एक संपर्क तैयार होता है। इसके परिणामस्वरूप यूरिनल से एयरोसोल के कणों का काफी बड़ी मात्रा में प्रसार होता है, रिसरर्चर्स ने इन्हीं पर गौर किया और इनकी जांच की। लियू ने कहा कि इससे प्राप्त निष्कर्ष परेशान कर देने वाले हैं, क्योंकि शौचालय में फ्लश करते वक्त निकलने वाले छोटे-छोट कण अधिक दूरी तक प्रसार करने वाले होते हैं। इन अणुओं में 57 फीसदी से कण ऐसे होते हैं जिनका प्रसार शौचालय के स्थान पर दूर तक होता है।

‘बचाव के लिए जरूरी है मास्क का इस्तेमाल’
शोधकर्ताओं ने लिखा कि जब पुरुष किसी पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं तो ये छोटे-छोटे कण टॉयलेट फ्लश करने की तुलना में उनकी जांघों तक पहुंचने में महज 5.5 सेकेंड का समय लेते हैं, इससे थोड़ा ऊपर तक पहुंचने में करीब 35 सेंकेड तक का वक्त लगता है। लियू ने कहा कि इन कणों की ऊपर तक जाने की गति टॉयलेट की फ्लशिंग से कहीं ज्यादा होती है। ऐसे में सुझाव इस बात का दिया गया कोविड-19 जैसे किसी महामारी के वक्त संक्रमण दर को रोकने के लिए मास्क का उपयोग करना बेहद आवश्यक है। शौचालयों का इस्तेमाल करते वक्त भी इनका इस्तेमाल करना न भूलें। (IANS)

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