Friday, March 29, 2024
Advertisement

पाकिस्तान में हिंदू विवाह और तलाक कानून के नियम बनाने को लेकर उठी मांग

पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिंदू विवाह और तलाक कानून के लिए नियम बनाने के वास्ते उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार से सोमवार को आग्रह किया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 28, 2021 22:37 IST
पाकिस्तान में हिंदू विवाह और तलाक कानून के नियम बनाने को लेकर उठी मांग- India TV Hindi
Image Source : PTI पाकिस्तान में हिंदू विवाह और तलाक कानून के नियम बनाने को लेकर उठी मांग (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पेशावर: पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिंदू विवाह और तलाक कानून के लिए नियम बनाने के वास्ते उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में स्थित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार से सोमवार को आग्रह किया। देश की संघीय सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और बलूचिस्तान प्रांतों की सरकारों की सहमति से मार्च 2017 में हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दी थी और आवश्यक नियमों का मसौदा बनाने के लिए आदेश जारी किए थे।

खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने कानून के मुताबिक, आवश्यक नियम अभी तक नहीं बनाए हैं। संवैधानिक सुरक्षा की कमी के चलते कई हिंदू लड़कियों को तलाक के मामलों में उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है। पाकिस्तान में लगभग 38 लाख हिन्दू हैं, जो जनसंख्या का करीब दो प्रतिशत हैं। 

हिन्दू विद्वान हारून सरब दियाल के नेतृत्व में अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए राष्ट्रीय लॉबिंग प्रतिनिधिमंडल (एनएलडी) ने कानून एवं संसदीय कार्यमंत्री फजल शकूर खान से मुलाकात की और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को पेश आने वाली कानूनी दिक्कतों पर चर्चा की। दियाल के साथ एनएलडी के सदस्य कृष्ण शर्मा और पुष्पा कुमारी मौजूद थे। 

उन्होंने मंत्री को हिन्दू विवाह और तलाक कानून 2017 के लिए नियमों को जल्द से जल्द मंजूरी देने की जरूरत के बारे में अवगत कराया। कुमारी ने कहा कि किसी महिला के लिए यह मानवाधिकार का मामला है जिसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है लेकिन कानून उसे अलग होने या तलाक की अनुमति नहीं देता। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement