Friday, April 26, 2024
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भारत के साथ तनाव बढ़ाने के पक्ष में नहीं है पाकिस्तान, लगाया 6 महीने में 1440 बार संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप

पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने पिछले छह महीने में 1440 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई है और 104 निर्दोष लोग घायल हुए हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 26, 2020 9:59 IST
Pakistan is not in favor of increasing tension with India- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Pakistan is not in favor of increasing tension with India

इस्‍लामाबाद। पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के साथ तनाव बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। दरअसल, कुछ ही दिन पहले भारत ने पाकिस्‍तान से कहा था कि वह नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत कटौती करे। पाकिस्तान विदेश विभाग की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तानी दूतावास में कर्मचारियों की संख्या घटा कर आधा करने का निर्णय कश्मीर मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए किया गया प्रयास है।

 

उन्होंने कहा कि भारत के साथ तनाव बढ़ाने की पाकिस्तान की कोई इच्छा नहीं है। हमने हमेशा संयम के साथ प्रतिक्रिया की है। हालांकि, इस्लामाबाद में भारतीय अधिकारियों द्वारा राजयनिक नियमों का उल्लंघन किया जाना और भारत का लगातार आक्रामक रवैया, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। दूसरी ओर पाकिस्तान लगातार विश्व समुदाय को समझाने का प्रयास कर रहा है कि भाजपा सरकार की गैर जिम्मेदाराना नीतियां क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के खतरे को बढ़ा रही

कोरोना वायरस के संक्रमण एवं टिड्डी दल के खतरे पर भारत के सहयोग की संभावना के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक महामारी एक ऐसी चुनौती है, जो सभी देशों के लिए  एक समान है और इसके लिए सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।

फारूकी ने दावा किया कि भारत ने पिछले छह महीने में 1440 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई है और 104 निर्दोष लोग घायल हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटना की निंदा करते हैं। उल्लेखनीय है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के उप उच्चायुक्त को तलब किया था और इस निर्णय से अवगत कराया था।

पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों के जासूसी गतिविधियों में शामिल रहने तथा आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संपर्क रखने के कारण यह कदम उठाया गया। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को इन गतिविधियों में रंगे हाथ पकड़ा गया और उसके बाद 31 मई को दोनों को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया। 

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