Monday, April 29, 2024
Advertisement

"CAA है भारत का आंतरिक मामला", अमेरिका की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीएए पर अमेरिकी की टिप्पणी का करारा जवाब दिया है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इस पर अमेरिका की टिप्पणी पूरी तरह अनुचित है। विदेश मंत्रायल ने यह भी कहा कि अमेरिका की टिप्पणी गलत सूचना पर आधारित है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: March 15, 2024 16:13 IST
रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता।- India TV Hindi
Image Source : X रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता।

भारत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अमेरिका की टिप्पणी का करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला और इस पर अमेरिका की टिप्पणी अनुचित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और इसके कार्यान्वयन पर संयुक्त राज्य अमेरिका का बयान गलत है। इसलिए इस मामले पर पर उसे किसी भी तरह की गलत टिप्पणी करना अनुचित है।

रणधीर जायसवाल ने कहा "जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि सीएए 2019 भारत का आंतरिक मामला है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल का अनुदान देता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं।

सीएए नागरिकता छीनने के लिए नहीं, देने के लिए है

विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएए नागरिकता देने के के लिए है, छीनने के लिए नहीं। इसलिए इस बात को रेखांकित किया जाना चाहिए। यह अधिनियम मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है। जहां तक ​​सीएए के कार्यान्वयन पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है और कई अन्य लोगों द्वारा टिप्पणियां की गई हैं वह पूरी तरह गलत सूचना पर आधारित है और अनुचित भी है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

अल्प संख्यकों के लिए चिंता का कोई आधार नहीं 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उनके व्याख्यान देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। भारत के भागीदारों और शुभचिंतकों को उस इरादे का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ यह कदम उठाया गया है।”

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement