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क्या पाकिस्तानी सेना वाकई लेना चाहती है इमरान खान की जान, जानें किस आशंका को लेकर कोर्ट पहुंचे पूर्व पीएम

पाकिस्तानी सेना से इमरान खान को अपनी हत्या का डर सता रहा है। इसका दावा खुद कई बार वह कर चुके हैं। अब 9 मई की हिंसा मामले में सेना उन्हें हिरासत में लेना चाहती है। इसके खिलाफ इमरान खान कोर्ट पहुंच गए हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 25, 2024 18:18 IST, Updated : Jul 25, 2024 18:18 IST
इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री।- India TV Hindi
Image Source : AP इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री।

इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जान को क्या वाकई सेना से खतरा है, क्या पाकिस्तानी सेना उनकी जान लेना चाहता है, क्या पाकिस्तानी सेना द्वारा इमरान खान की हत्या का दावा जो खुद पूर्व प्रधानमंत्री ने किया था, वह सच होने वाला है?... आखिर किस आशंका से इमरान खान पाकिस्तानी सेना से बहुत डर गए हैं और किस लिए अचानक उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि पाकिस्तानी सेना 9 मई की हिंसा मामले में इमरान खान को हिरासत में लेना चाहती है। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी जान का खतरा बताया है। लिहाजा इमरान ने नौ मई की हिंसा के मामलों में खुद को सैन्य हिरासत में सौंपे जाने की आशंका के मद्देनजर एक याचिका दायर की है।

मीडिया की एक खबर से यह जानकारी मिली। याचिका में दलील दी गई है कि घटनाओं में शामिल बंदियों को नागरिक अदालतों के अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए। यह याचिका खान के वकील उजैर करामत ने लाहौर उच्च न्यायालय में दायर की है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, मामले में संघीय सरकार और सभी चार प्रांतों के महानिरीक्षकों (आईजी) को प्रतिवादी बनाया गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान (71) ने कहा कि उन पर जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में विरोध प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगाते हुए एक झूठी कहानी गढ़ी गई है। उन्होंने नौ मई की घटना को ‘‘दुष्प्रचार अभियान’’ बताया और कहा कि जिन लोगों ने घटनाओं की सीसीटीवी फुटेज चुराई हैं, वे ही असली अपराधी हैं।

इमरान ने किया अदालत से ये आग्रह

इमरान ने नौ मई की घटना की तुलना छह जनवरी, 2021 को अमेरिका के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन से करने की आलोचना की और इस बात पर प्रकाश डाला कि मामले में गहन और पारदर्शी जांच की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप केवल संलिप्त व्यक्तियों को सजा मिली, जबकि (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप की पूरी रिपब्लिकन पार्टी को इसमें शामिल नहीं किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री ने अदालत से आग्रह किया कि नौ मई के मामलों में हिरासत नागरिक अदालतों के पास रहे और उन्हें सैन्य अधिकारियों के हवाले करने से रोकने के लिए स्थगन आदेश जारी किया जाए। खान ने सोमवार को चिंता व्यक्त की थी कि उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को नौ मई की हिंसा के मामलों में सैन्य जेल भेजा जा सकता है।

उन्होंने रावलपिंडी की अदियाला जेल में अल-कादिर ट्रस्ट मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘वे नौ मई की घटनाओं के लिए मुझे सैन्य जेल भेजने वाले हैं।’’ खान ने सैन्य जेलों में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं के साथ किए जा रहे ‘‘पक्षपातपूर्ण व्यवहार’’ पर दुख जताया और दावा किया कि उन्हें भी इसी तरह के आरोपों के तहत कैद करने की योजना है। उन पर नौ मई, 2023 को लाहौर कोर कमांडर हाउस (जिन्ना हाउस के नाम से जाना जाता है), अस्करी टॉवर और शादमान थाने पर हमलों के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। (भाषा) 

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