
ईरान-इजराइल के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( International Atomic Energy Agency) ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि ईरान के नातान्ज एनरिचमेंट साइट पर इज़रायली हवाई हमलों का “सीधा असर” इस फैसिलिटी के भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल पर पड़ा है। यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संस्था ने नातान्ज़ के भूमिगत हिस्सों में हमलों से हुए नुकसान का आंकलन किया है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रमुख न्यूक्लियर साइट है। एजेंसी ने कहा, “शुक्रवार के हमलों के बाद एकत्र की गई हाई रेजोल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि नातान्ज़ में अंडरग्राउंड एनरिचमेंट हॉल पर इन हमलों का सीधा प्रभाव पड़ा है।”
IAEA ने क्या कहा?
IAEA ने बताया कि जमीन के ऊपर बना एनरिचमेंट हॉल पहले ही नष्ट हो चुका है। इसके अलावा इजरायल के हमलों में इस साइट को संचालित करने वाले विद्युत उपकरण भी नष्ट हो चुके हैं। एक तरफ इजरायल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बयान में तेहरान के निवासियों को तेहरान खाली करने की चेतावनी दी। ट्रंप ने कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन से जल्दी वाशिंगटन लौटने से पहले सोमवार रात को लिखा, "ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते।" उन्होंने कहा, "सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!" हालांकि, बाद में ट्रंप ने इस बात से इनकार किया कि वह युद्ध विराम पर काम करने के लिए वापस आ गए थे, उन्होंने एयर फोर्स वन पर संवाददाताओं से कहा, "मैं युद्ध विराम की बात नहीं कर रहा हूं। हम युद्ध विराम से बेहतर की बात कर रहे हैं।"
ईरान में अब तक 224 लोगों की मौत
यह पूछे जाने पर कि ट्रंप ने तेहरान को खाली करने का आग्रह क्यों किया? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, "मैं बस लोगों को सुरक्षित रखना चाहता हूं।" बता दें कि इससे पहले, इज़रायली सेना ने तेहरान के डाउनटाउन इलाके के लगभग 330,000 निवासियों को इलाका खाली करने के लिए कहा था। तेहरान मध्य पूर्व के सबसे बड़े शहरों में से एक है, जहां लगभग 10 मिलियन लोग रहते हैं, जो कि इज़रायल की पूरी आबादी के बराबर है। शत्रुता शुरू होने के बाद से ही वहां से लोग भाग रहे हैं। इज़रायल का कहना है कि ईरान के शीर्ष सैन्य नेताओं, परमाणु वैज्ञानिकों, यूरेनियम संवर्धन स्थलों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर उसका व्यापक हमला उसके विरोधी को परमाणु हथियार बनाने के और करीब पहुंचने से रोकने के लिए जरूरी है। बता दें कि इन हमलों में ईरान में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं।
(इनपुट-एपी)