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नवाज शरीफ ने 26 साल बाद माना भारत को दिया था धोखा, दुनिया के सामने खुद खोल दी Pak की पोल

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 26 साल स्वीकार किया है कि उन्होंने अटल विहारी वाजपेयी को ही नहीं बल्कि भारत को भी धोखा दिया था।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : May 28, 2024 21:46 IST, Updated : May 28, 2024 22:02 IST
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ- India TV Hindi
Image Source : FILE-PTI पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ

लाहौरः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत के साथ 1999 में उनके और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा हस्ताक्षरित समझौते का ‘उल्लंघन’ किया है। उन्होंने जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा करगिल में किए गए हमले के स्पष्ट संदर्भ में यह बात कही। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी की आम परिषद को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, ‘‘28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किये। उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आये और हमारे साथ समझौता किया। लेकिन, हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी।

पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण करगिल युद्ध हुआ 

बता दें कि नवाज शरीफ और वाजपेयी ने यहां 21 फरवरी, 1999 को लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण की बात करने वाले इस समझौते ने एक बड़ी सफलता का संकेत दिया, लेकिन कुछ महीने बाद जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण करगिल युद्ध हुआ।

नवाज शरीफ ने कही ये बातें

पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाने के बीच शरीफ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी लेकिन मैंने इनकार कर दिया। अगर (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान जैसे व्यक्ति मेरी सीट पर होते तो उन्होंने क्लिंटन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता। 

6 साल बाद चुने गए पार्टी अध्यक्ष

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को छह साल बाद मंगलवार को निर्विरोध पीएमएल-एन का अध्यक्ष चुना गया। पिछले साल उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया था। पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण पार्टी अध्यक्ष का पद गंवाने के छह साल बाद पीएमएल-एन सुप्रीमो पार्टी की कमान में लौट आए। नवाज़ ने भीड़ से कहा कि उन्हें उनके दोबारा राष्ट्रपति पद संभालने के कारण खुश नहीं होना चाहिए, बल्कि इसलिए कि “साकिब निसार के फैसले को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। 

इनपुट- भाषा

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