Thursday, April 25, 2024
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पोखरा एयरपोर्ट जहां क्रैश हुआ विमान, जानें क्या है चीन से कनेक्शन, बन गया नेपाल के गले की फांस, जानें डिटेल

नेपाल के जिस पोखरा एयरपोर्ट पर विमान क्रैश हुआ, उसे चीन की मदद से 22 अरब रुपए की लागत से बनाया गया है। अब यही एयरपोर्ट नेपाल के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। नेपाल ने चीन से यह कहा है कि यह एयरपोर्ट चीन की बेल्ट एंड रोड पॉलिसी की हिस्सा है। जबकि नेपाल ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 15, 2023 17:04 IST
Pokhara Airport Nepal- India TV Hindi
Image Source : FILE Pokhara Airport Nepal

नेपाल के पोखरा एयरपोर्ट के पास यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 68 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जिस पोखरा एयरपोर्ट पर यह विमान लैंड होने वाला था, उसका उद्घाटन 14 दिन पहले ही हुआ था। इस एयरपोर्ट के निर्माण में चीन ने सहयोग किया और यह एयरपोर्ट चीन और नेपाल की दोस्‍ती का भी एक सुबूत है। हालांकि यह एयरपोर्ट नेपाल के गले की फांस बन गया है, जानिए कैसे। यह भी जानिए कि यदि भारत की मदद न मिली। तो नेपाल के लिए पोखरा एयरपोर्ट महंगा सौदा साबित होगा।

जिस पोखरा एयरपोर्ट पर हादसा हुआ उसका प्रधानमंत्री पुष्‍प दहल प्रचंड ने 15 दिन पहले ही शुभारंभ किया था। यह एक क्षेत्रीय एयरपोर्ट है जिसे चीन ने बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत तैयार किया है। एक जनवरी को नए साल के मौके पर प्रचंड ने इसे देश को सम‍र्पित किया था। 

चीन की मदद से 22 अरब रुपए के खर्च से बना है पोखरा एयरपोर्ट

नेपाल में पोखरा अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट का विवाद खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा और उपर से विमान हादसा भी हो गया। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड ने चीनी अधिकारियों की मौजूदगी में पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। नेपाल के पोखरा एयरपोर्ट को चीन की आर्थिक और तकनीकी मदद से तैयार किया गया है। इसमें 22 अरब रुपये का खर्च आया है। वहीं अब नेपाली विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत ने अपना रुख नहीं बदला तो यह एयरपोर्ट नेपाल के लिए गले की फांस बन सकता है।

जानिए कैसे चीन ने किया नेपाल के साथ 'छल'?

इस बीच चीन ने जबरन इस पोखरा एयरपोर्ट प्रॉजेक्‍ट को कर्ज का जाल कही जाने वाली बीआरआई परियोजना का हिस्‍सा बताकर तनाव को और ज्‍यादा भड़का दिया है। चीन का दावा है कि यह एयरपोर्ट उसने अपनी महत्‍वाकांक्षी बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के तहत बनाया है लेकिन नेपाल का कहना है कि ऐसा कोई समझौता चीन के साथ नहीं हुआ था। यही नहीं नेपाल ने चीन से मांग की है कि इस परियोजना के लिए दिए पैसे को 'कर्ज' की बजाय सहायता में बदला जाए।

भारत का साथ नहीं मिला तो सफेद हाथी साबित होगा पोखरा एयरपोर्ट, बोले विशेषज्ञ

इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि भारत ने साथ नहीं दिया तो अरबों रूपए की लागत से बना यह एयरपोर्ट नेपाल के लिए सफेद हाथी साबित हो सकता है। क्योंकि नेपाल ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना तो दिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के आने जाने के आसार दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं। वहीं चीन के दूतावास ने इसे बीआरआई प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा बताकर यह साफ कर दिया है कि नेपाल में ड्रैगन का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।

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