Wednesday, May 01, 2024
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पश्चिमी देशों की आपत्तियों को खारिज कर चीनी रक्षामंत्री जा रहे रूस और बेलारूस के दौरे पर, जानें मकसद

अमेरिका समेत सभी पश्चिमी और यूरोपीय देशों की आपत्तियों और चेतावनियों को दरकिनार करके चीन रूस और बेलारूस से संबंधों को और मजबूती देने जा रहा है। चीनी रक्षामंत्री जल्द ही रूस और बेलारूस के दौरे पर जाने वाले हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 14, 2023 21:02 IST
चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू- India TV Hindi
Image Source : AP चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू

रूस-यूक्रेन युद्ध के अब करीब 17 महीने हो गए हैं। यूक्रेन को पश्चिमी और यूरोपीय देश लगातार गोला-बारूद और हथियारों की मदद कर रहे हैं, लेकिन रूस अकेले मोर्चा ले रहा है। रूस के पास भी अब हथियारों और गोलाबारूद के भंडार घटने लगे हैं। ऐसे में वह उत्तर कोरिया से लेकर बेलारूस, चीन, पाकिस्तान और ईरान से मदद ले रहा है। इस बीच चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू रूस और बेलारूस के प्रति समर्थन जताने के लिए वहां का दौरा कर रहे हैं, जबकि ‘पश्चिम’ ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर उन्हें अलग-थलग करने की चेतावनी दी है। मगर चीन ने उन सभी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया है। ताकि रूस और बेलारूस को वह मजबूती दे सके।

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान के हवाले से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि ली सोमवार को छह-दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। प्रवक्ता के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान वह ‘मॉस्को कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ में एक भाषण देंगे और रूस एवं अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘तास’ ने बताया कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे, जिसका विषय होगा, “नये प्रकार के बहुपक्षीय सहयोगों को मजबूत करने समेत पश्चिमी तंत्र से इतर विकास के रास्तों की विश्व के ज्यादातर देशों की तलाश।’’ इसमें कहा गया है कि लगभग 100 देशों और आठ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

रूसी विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से संवाद एजेंसी ने कहा, “बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की स्थापना की स्थितियों में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं, विश्व प्रभुत्व के लिए यूरो-अटलांटिक अभिजात वर्ग के आक्रामक दावों के संदर्भ में रचनात्मक अंतरराष्ट्रीय सहयोग बहाल करने के तरीकों पर चर्चा होगी।” यात्रा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने रक्षा मंत्रालय के बयान का हवाला दिया, लेकिन कहा कि चीनी और रूसी नेताओं ने “विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग तरीकों से रणनीतिक संवाद बनाए रखा है”। वांग ने दैनिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, “दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग और संयुक्त चिंता के मुद्दों सहित व्यापक विषयों पर व्यवस्थित रूप से उच्च-स्तरीय विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीन अमेरिका को दे रहा जवाब

चीनी रक्षा मंत्री बाद में रूस के करीबी सहयोगी बेलारूस की यात्रा करेंगे, जिसके क्षेत्र का आंशिक रूप से इस्तेमाल पिछले साल के आक्रमण के लिए किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि ली वहां बेलारूस के नेताओं के साथ बैठकें और बातचीत करेंगे तथा सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे। चीन संघर्ष में तटस्थ होने का दावा करता है, लेकिन उसने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर रूस को उकसाने का आरोप लगाया है और मॉस्को के साथ मजबूत आर्थिक, राजनयिक और व्यापारिक संबंध बनाए रखा है। ऐसा माना जा रहा है कि जिस तरह चीन की आपत्तियों को खारिज कर अमेरिका ताइवान से संबंध बनाए है, चीन उसका जवाब देने की कोशिश में यह सब कर रहा है। (एपी)

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