Friday, April 26, 2024
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AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन को झटका, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने रोका ट्रायल

Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca: कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 09, 2020 10:01 IST
Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca- India TV Hindi
Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca

Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca: कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है। अभी तक सबसे विश्वसनीय मानी जा रही एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford) की वैक्सीन (covid-19 Vaccine) के ह्यूमन ट्रायल को रोक दिया गया है। एस्ट्राज़ेनेका ने एक बयान जारी कर कहा है कि ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार पड़ने के बाद रोक दिया गया है। हालांकि कंपनी का कहना है कि यह एक रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

हालांकि कंपनी का कहना है कि यह एक रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है। बता दें कि एस्ट्राजेनेका और आक्सफोर्ड द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन का नाम AZD1222 रखा गया था। समाचार एजेंसी AFP की एक खबर के मुताबिक पूरी दुनिया में चल रहे ट्रायल को फिलहाल रोक दिया गया है और अब एक स्वतंत्र जांच के बाद ही इसे फिर से शुरू किया जा सकेगा। 

Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca

Image Source : PTI
Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca

कोरोना वैक्सीन बाजार में आने से पहले गहराया नया संकट

दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के अंतिम पड़ाव पर हैं। माना जा रहा है कि साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी। लेकिन इस बीच दुनिया एक नए संकट में उलझती दिख रही है। यह संकट है वैक्सीन राष्ट्रवाद यानि वैक्सीन नेशनलिज्म (Vaccine Nationalism) का। इसका अर्थ है कि जो देश इस वैक्सीन को बनाने में सफलता हासिल करेगा, वही इसका पहला उपयोग भी करेगा। लेकिन WHO ने चेतावनी दी हे कि इससे कोरोना महामारी बढ़ेगी न कि घटेगी। WHO के प्रबंध निदेशक ने कहा कि दुनिया में कहीं भी अगर कोरोना वैक्सीन बनती है तो शुरुआत में दुनियाभर के अलग अलग देशों में जिन लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है उन्हें वैक्सीन देने की जरूरत है। न कि एक ही देश के ज्यादातर लोगों को। WHO ने कहा कि वैक्सीन पर किसी एक देश का हक नहीं बल्कि पूरी दुनिया का हक है। WHO के प्रबंध निदेशक ने जोर देते हुए कहा कि वैक्सीन नेशनलिज्म यानि जो देश वैक्सीन बनाए उसे पहले अपने लिए हि इस्तेमाल करे, से कोरोना महामारी का खतरा बढ़ेगा न कि घटेगा।

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