Tuesday, April 23, 2024
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Belgorod: रूस को मिला दुनिया का सबसे 'खतरनाक' हथियार, खूबियां ऐसी कि हर कोई शॉक्ड, अमेरिका के साथ जंग का बन सकता है कारण

पनडुब्बी में जिस टॉरपीडो को रखा जाएगा, वह भी दुनिया के सबसे बड़े टॉरपीडो हैं। जब पनडुब्बी को तैनात किया जाएगा, तब यह Poseidon परमाणु क्षमता से लैस टॉरपीडो को लॉन्च कर सकेगी।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: July 26, 2022 13:49 IST
Belgorod Submarine- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Belgorod Submarine

Highlights

  • रूस के पास है दुनिया का सबसे बड़ा हथियार
  • इस पनडुब्बी का कई तरह हो सकता है इस्तेमाल
  • रूसी नौसेना को सौंपी गई है पनडुब्बी

Belgorod Submarine: रूस की नौसेना को हाल में ही दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी मिली है। जिसे बनाने वालों का कहना है कि यह एक तरह की रिसर्च पनडुब्बी है। यानी खोज या जानकारी जुटाने से संबंधित काम करने के लिए इसे बनाया गया है। लेकिन अगर रूस के दुश्मनों की मानें, तो उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल रूस जासूसी करने और परमाणु हथियार के तौर पर भी कर सकता है। पनडुब्बी का नाम Belgorod है। इसे इसी महीने रूसी नौसेना को सौंपा गया है। इसकी डिलीवरी सेवेरोदविंस्क बंदरगाह से हुई है। ये जानकारी देश के सबसे बड़ी जहाज निर्माता कंपनी सेवमाश शिपयार्ड ने दी है।

विशेषज्ञों के अनुसार, पनडुब्बी के डिजाइन में कुछ बदलाव किए गए हैं। यह रूस की Oscar II क्लास गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी का संशोधित वर्जन है। इसे बनाने के पीछे का मकसद दुनिया के पहले परमाणु सक्षम टॉरपीडो और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए जरूरी उपकरणों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ढोना है। अगर Belgorod के इस्तेमाल में रूस को सफलता मिलती है तो यही पनडुब्बी अमेरिका के साथ शीत युद्ध का बड़ा कारण बन सकती है। ऐसी रिपोर्ट्स अकसर आती हैं, जिनमें रूस और अमेरिका की पनडुब्बी के एक दूसरे के आमने सामने आने की बात कही जाती है। 

608 फीट है पनडुब्बी की लंबाई

अब बात करते हैं Belgorod की खूबियों की। यह 608 फीट लंबी है और दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी है। यह अमेरिका के पास मौजूद Ohio क्लास बैलिस्टिक और गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी से भी बड़ी है। Ohio क्लास की पनडुब्बी 569 फीट लंबी हैं। Belgorod को सबसे पहले साल 2019 में देखा गया था। उस वक्त ऐसा माना गया कि इसे 2020 तक रूसी नौसेना को सौंपा जा सकता है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसमें देरी हो गई। तब ये नहीं बताया गया था कि इन्हें कितने वक्त बाद तैनात किया जाएगा। Belgorod रूस की बाकी परमाणु पनडुब्बियों से काफी अलग है।

रखा जाएगा सबसे बड़ा टॉरपीडो

Belgorod Submarine

Image Source : INDIA TV
Belgorod Submarine

इसके साथ ही पनडुब्बी में जिस टॉरपीडो को रखा जाएगा, वह भी दुनिया के सबसे बड़े टॉरपीडो हैं। जब पनडुब्बी को तैनात किया जाएगा, तब यह Poseidon परमाणु क्षमता से लैस टॉरपीडो को लॉन्च कर सकेगी। Poseidon को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सैकड़ों मील की दूरी से दुश्मन को निशाना बना सकती है। अमेरिकी पनडुब्बी विशेषज्ञ एचआई वुइटन का कहना है कि Poseidon पूरी तरह एक नई क्लास का हथियार है। यह रूस और पूरी दुनिया के लिए सबकुछ बदलकर रख सकती है। यही वजह है कि अब सभी देश नई तरह के हथियारों और दुश्मन देश का मुकाबला करने के लिए घातक हथियारों की जरूरत को महसूस करने लगे हैं।

चीन ने भी बनाया है खास हथियार

इससे पहले चीन से भी ऐसी ही खबर आई थी। जिसमें कहा गया कि चीन ने एक न्यूक्लियर रोबोट बनाया है।  इन 'किलर रोबोट' को बनाने में कम लागत आई है, और इसी वजह से इनका दाम भी काफी कम है। चीन ने रोबोट की फ्लीट (बेड़ा) भी बना रहा है। जिन्हें किसी सैन्य जहाज या पनडुब्बी के भीतर रखकर ले जाया जा सकता है और इन्हें एक टॉरपीडो ट्यूब के भीतर भी रख सकते हैं। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीन रोबोट का इस्तेमाल तब भी कर सकता है, जब ये पनडुब्बी उसके जलक्षेत्र में होंगी।

पानी के भीतर से कर सकता है हमला

किसी दुश्मन देश के पानी में युद्धपोत या फिर लड़ाकू विमान से हमला करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन चीन अब हफ्तेभर के भीतर ही प्रशांत महासागर में टॉरपीडो की पूरी सेना के साथ हमले कर सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि चीनी वैज्ञानिकों ने इस हथियार के डिजाइन का काम अभी तक पूरा कर लिया है और अब उसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। चीन के वैज्ञानिक गुओ जियान का कहना है कि ये तकनीक बहुत सस्ती होगी और इसे इस्तेमाल करना भी आसान होगा। इसी की वजह से हथियारों का बड़े स्तर पर निर्माण किया जा सकेगा।

परमाणु हथियार से बना सकता है निशाना

चीनी वैज्ञानिक का कहना है कि इस परमाणु टॉरपीडो का इस्तेमाल पारंपरिक हथियारों जैसे परमाणु पनडुब्बियों पर हमला करने में किया जा सकता है। ठीक इसी समय दुनिया के अन्य वैज्ञानिकों ने इसकी तुलना रूस के अधिक शक्तिशाली पोसीडॉन सिस्टम से की है। पोसीडॉन एक रूसी परमाणु हथियार है, जिसका इस्तेमाल टॉरपीडो और ड्रोन दोनों के रूप में किया जा सकता है। रूस का दावा है कि वर्तमान में मौजूद रक्षा प्रणाली उसके पोसीडॉन हथियार को नहीं रोक सकती हैं।

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