
मास्को: रूसी अधिकारियों ने बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल को ‘अवांछनीय संगठन’ करार देते हुए इसे प्रतिबंधित कर दिया। एमनेस्टी इंटरनेशनल को ‘अवांछनीय संगठन’ के रूप में घोषित करने का फैसला 2015 के कानून के तहत लिया गया है, जिसके तहत ऐसे संगठनों के साथ भागीदारी अपराध है।
रूस में बंद करने होंगे सभी कार्य
रूसी महा अभियोजक के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में घोषित किया गया यह निर्णय क्रेमलिन के आलोचकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई का नया चरण है, जो फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध छेड़ने के बाद काफी बढ़ गया। इस फैसले के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह को रूस में सभी कार्य बंद करने होंगे और जो लोग इसके साथ सहयोग करेंगे या इसका समर्थन करेंगे, उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के बारे में जानें
बता दें कि, एमनेस्टी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन (NGO) है, जो दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा और उनके प्रचार-प्रसार के लिए काम करता है। इसकी स्थापना 1961 में ब्रिटिश वकील पीटर बेनेन्सन द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल का मुख्य उद्देश्य
एमनेस्टी इंटरनेशनल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को उसके मूलभूत मानवाधिकार मिलें, जिनकी गारंटी 'सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र' (Universal Declaration of Human Rights – UDHR) के अंतर्गत दी गई है। यह संगठन विशेष रूप से निम्नलिखित मुद्दों पर कार्य करता है।
- राजनीतिक बंदियों की रिहाई
- यातना और अमानवीय व्यवहार का विरोध
- मृत्युदंड (फांसी) का विरोध
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा
- महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा
संगठन कैसे करता है काम
एमनेस्टी इंटरनेशनल विश्वभर में शोध, निगरानी और रिपोर्टिंग के माध्यम से मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करता है। यह संगठन विभिन्न सरकारों और संस्थाओं पर दबाव बनाता है कि वो मानवाधिकारों का सम्मान करें। इसके सदस्य और समर्थक पत्र लिखने, ऑनलाइन अभियान चलाने, विरोध प्रदर्शन करने जैसे माध्यमों से जागरूकता फैलाते हैं। (एपी)
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