Thursday, April 25, 2024
Advertisement

फिर मंडराया यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क और खेरसॉन व जापोरिज्जिया पर खतरा, रूस की सेना हो रही हावी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रेफ्रेंडम के बाद यूक्रेन के चार क्षेत्रों दोनेत्स्क, लुहांस्क और खेरसॉन व जापोरिज्जिया को रूस में मिलाए जाने का ऐलान किए जाने के बाद पिछले वर्ष इसे अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना फिर से इन क्षेत्रों पर लगभग नियंत्रण स्थापित कर चुकी थी।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: February 15, 2023 23:36 IST
रूस की सेना (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP रूस की सेना (फाइल)

नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रेफ्रेंडम के बाद यूक्रेन के चार क्षेत्रों दोनेत्स्क, लुहांस्क और खेरसॉन व जापोरिज्जिया को रूस में मिलाए जाने का ऐलान किए जाने के बाद पिछले वर्ष इसे अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना फिर से इन क्षेत्रों पर लगभग नियंत्रण स्थापित कर चुकी थी। मगर अब रूस की सेना यूक्रेन के इन पूर्वी क्षेत्रों में फिर से हावी होने लगी है। इससे यूक्रेन के ये चारों महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खतरा मंडराने लगा है। धीरे-धीरे रूस की सेना पूर्वी क्षेत्र में नियंत्रण स्थापित करती जा रही है। हालांकि यूक्रेनी सेना से उसे कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है।

 
यूक्रेन में करीब साल भर से रूस का आक्रमण जारी रहने के बावजूद रूसी सेना अब भी इसके पूर्वी हिस्से की रक्षा पंक्ति को भेदने के लिए जद्दोजहद कर रही है। यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने बुधवार को कहा कि रूसी तोपखाने, ड्रोन और मिसाइलें महीनों से यूक्रेन के कब्जे वाले पूर्वी क्षेत्रों में लगातार बमबारी कर तबाही मचा रहे हैं। सर्दियों का मौसम रहने के कारण संघर्ष धीमा हो गया था। हालांकि, अधिकारियों और विश्लेषकों का मानना है लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ पिछले साल सितंबर में अवैध रूप से कब्जे वाले पूर्वी क्षेत्रों दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क और जापोरिज्जिया को सुरक्षित करने का प्रयास कर रही है।

2014 से दोनेत्स्क और लुहांस्क अलगाववादियों के नियंत्रण में है
दोनेत्स्क और लुहांस्क प्रांत 2014 से रूस समर्थक अलगाववादियों के नियंत्रण में है। दोनों देशों के संघर्ष के बीच यूक्रेनी रेड क्रॉस के स्वयंसेवक दोनेत्स्क में अस्पतालों से मरीजों को मानवतावादी सहायता संगठन 'डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल ट्रेनों में लेकर जा रहे हैं। ये ट्रेनें मरीजों को यूक्रेन के सुरक्षित इलाकों में पहुंचाती हैं। इस बीच नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि यूक्रेन सहयोगियों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे गोला-बारूद का बहुत तेजी से इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि लड़ाई, दोनों तरफ के हथियारों के भंडार को खत्म कर रही है।

एक अमेरिकी ‘थिंक टैंक’ ने कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित शहर बखमुत को कीव द्वारा लगातार सुरक्षित रखा जा रहा है, जबकि यह पूर्वी क्षेत्र में महीनों से रूस के सैन्य अभियान का एक मुख्य निशाना रहा है। इस बीच, द एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार यूक्रेन को हथियार और सीधे आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिकी जनता के बीच समर्थन कम हो गया है। सर्वेक्षण में शामिल किये गये 48 फीसदी लोग अमेरिका द्वारा यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराने के पक्ष में हैं जबकि पिछले साल मई में यह आंकड़ा 60 फीसदी था।

यह भी पढ़ें...

चीन को जवाब देने के लिए PM मोदी ने लिया इतिहास का सबसे बड़ा फैसला, अब ड्रैगन की खैर नहीं

BBC के दफ्तर पर आयकर के सर्वे को लेकर अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, जानें भारत को लेकर क्या कहा?

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement