Thursday, May 02, 2024
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अमेरिका: कई दिन बाद सड़कों पर दिखी कुछ शांति, अश्वेत शख्स के मारे जाने के बाद भड़की थी हिंसा

अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने के बाद भड़के हिंसक प्रदर्शनों के कई दिन बाद सड़कों पर अब अपेक्षाकृत शांति दिख रही है और प्रदर्शन अब मुख्यत: शांतिपूर्ण हो रहे हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: June 03, 2020 19:46 IST
अमेरिका: कई दिन बाद सड़कों पर दिखी कुछ शांति, अश्वेत शख्स के मारे जाने के बाद भड़की थी हिंसा- India TV Hindi
Image Source : AP अमेरिका: कई दिन बाद सड़कों पर दिखी कुछ शांति, अश्वेत शख्स के मारे जाने के बाद भड़की थी हिंसा

वाशिंगटन: अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने के बाद भड़के हिंसक प्रदर्शनों के कई दिन बाद सड़कों पर अब अपेक्षाकृत शांति दिख रही है और प्रदर्शन अब मुख्यत: शांतिपूर्ण हो रहे हैं। मिनियापोलिस में 25 मई को एक श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा फ्लॉयड की गर्दन को घुटने से दबाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अमेरिका में व्यापक जन-आक्रोश भड़का हुआ है। वीडियो में फ्लॉयड पुलिस अधिकारी से यह कहते दिखता है कि वह सांस नहीं ले पा रहा। पुलिस अधिकारी इसके बावजूद अपना घुटना उसकी गर्दन से नहीं हटाता और धीरे-धीरे फ्लॉयड की सांस थम जाती है और वह हिलना-डुलना बंद कर देता है। 

न्यूयॉर्क शहर में रातभर लूटपाट होने की खबरें हैं और हिंसक प्रदर्शन शुरू होने के बाद से बुधवार सुबह तक नौ हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन कई जगह आगजनी और गोलीबारी का सामना करने वाली पिछली कुछ रातों के मुकाबले अब अपेक्षाकृत शांति दिखाई दे रही है। अनेक शहरों में कर्फ्यू और कड़ा किए जाने के बाद शांति आती प्रतीत हो रही है। वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों ने लोगों को दिन में भी सड़कों पर न आने का आदेश दिया है। 

प्रदर्शनकारी लॉस एंजिलस, मियामी, सेंट पॉल, मिनीसोआ, कोलंबिया, साउथ कैरोलिना और ह्यूस्टन सहित अनेक जगह सड़कों पर उतरे जहां पुलिस प्रमुखों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात की। न्यूयॉर्क के डेमोक्रेटिक गवर्नर एंड्रू क्यूमो ने अल्बानी में एक ब्रीफिंग में कहा कि शहर में मंगलवार को जो हुआ, वह ‘‘शर्म’’ की बात है। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग और मेयर ने बीती रात अपना काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेयर ने समस्या को कमतर करके आंका और देश का सबसे बड़ा पुलिस बल पर्याप्त संख्या में तैनात नहीं किया गया। 

मंगलवार रात अमेरिका में लगातार आठवीं रात प्रदर्शन हुए। लोगों में पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन के खिलाफ भारी गुस्सा है जिसने फ्लॉयड की गर्दन पर अपना घुटना रखा था। इस अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है और उसपर हत्या का आरोप लगाया गया है। फ्लॉयड की छह वर्षीय बेटी की मां गियाना ने कहा कि वह विश्व को बताना चाहती है कि उसकी बच्ची ने अपने पिता को खो दिया है। अपनी बेटी को लिए रोक्सी वाशिंगटन ने मिनियापोलिस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं उसके (फ्लॉयड) लिए न्याय चाहती हूं क्योंकि वह अच्छे व्यक्ति थे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या सोचता है, लेकिन वह अच्छे थे।’’

 इस बीच, रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक गवर्नरों ने सेना भेजने की ट्रंप की धमकी को खारिज किया। कुछ ने कहा कि सैनिक भेजना अनावश्यक है तो कुछ अन्य ने कहा कि क्या सरकार के पास इस तरह की शक्ति है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का कदम खतरनाक होगा। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि राष्ट्रपति सेना भेजने की जल्दबाजी में नहीं हैं और उनका उद्देश्य नेशनल गार्ड की अधिक तैनाती करने के लिए गवर्नरों पर दबाव बनाने का था। इस बीच, मिनीसोटा राज्य ने व्यापक बदलाव की उम्मीद के साथ मिनियापोलिस पुलिस विभाग की मंगलवार को नागरिक अधिकार जांच शुरू कर दी। 

गवर्नर टिम वाल्ज और मिनीसोटा मानवाधिकार विभाग ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में घटना को लेकर औपचारिक रूप से शिकायत दायर कराने की घोषणा की। वाल्ज और मानवाधिकार आयुक्त रेबेका लुसेरो ने कहा कि उन्हें पुलिस विभाग के नस्ली भेदभाव के इतिहास का समाधान करने के लिए अल्पकालिक तरीके खोजने पर शहर के साथ सहमति बनने और जांच का इस्तेमाल व्यवस्थागत बदलावों के वास्ते दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए होने की उम्मीद है। नागरिक अधिकार जांच लुसेरो के नेतृत्व में होगी। वहीं, मेयर जैकब फ्रे ने कहा, ‘‘मैं आज की घोषणा का स्वागत करता हूं क्योंकि हम सबके मिलकर काम करने के लिए पुलिस की संस्कृति को बदलने और व्यवस्थागत नस्लवाद को दूर करने की जरूरत है।’’ एफबीआई भी इस बारे में जांच कर रही है कि क्या पुलिस ने जानबूझकर फ्लॉयड को उसके नागरिक अधिकारों से वंचित किया। मिनियापोलिस पुलिस विभाग पर बर्बरता करने और काले अमेरिकियों तथा अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ, यहां तक कि खुद विभाग के भीतर भी नस्लवाद के आरोप दशकों से लगते रहे हैं। 

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