Sunday, April 28, 2024
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अमेरिकी अदालत के फैसले के खिलाफ ट्रंप को मिला अपनी पार्टी के 2 प्रतिद्वंदियों का साथ, राष्ट्रपति चुनाव में हैं प्रबल दावेदार

अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को कोर्ट से अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अदालत ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया है। जबकि ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए सबसे प्रबल दावेदार थे। मगर इस फैसले ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 20, 2023 20:10 IST
डोनॉल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति।- India TV Hindi
Image Source : AP डोनॉल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को अदालत ने सबसे बड़ा झटका दिया है। डोनॉल्ड ट्रंप अब 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। जबकि वह रिपब्लिकन पार्टी की ओर से आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे प्रमुख दावेदार थे। कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दे दिया है। इससे अमेरिका की सियासत में भूचाल पैदा हो गया है। मगर अदालत के इस फैसले के खिलाफ ट्रंप को अपनी पार्टी के दो प्रमुख नेताओं निक्की हेली और विवेक रामास्वामी का साथ भी मिल गया है। हालांकि यह दोनों ही नेता 2024 के लिए ट्रंप के सबसे कड़े प्रतिद्वंदी हैं।
 
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल भारतीय-अमेरिकी निकी हेली और विवेक रामास्वामी ने बुधवार को अमेरिका के कोलोराडो राज्य के उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर विरोध जताया, जिसमें 2021 में अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) पर हुए हमले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका के चलते उन्हें अगला राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है। कोलोराडो राज्य के उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि 2021 में अमेरिकी कैपिटल पर हुए हमले में ट्रंप की भूमिका थी और इस कारण वह अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकते। न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी कहा कि राज्य की रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति प्राइमरी चुनाव से ट्रंप का नाम हटाया जाए।
 

संविधान के 14वें संशोधन के आधार पर दिया फैसला

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (77) को अयोग्य ठहराए जाने वाला यह फैसला संविधान के 14वें संशोधन से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी संविधान को समर्थन देने, उसका पालन करने और उसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए शपथ लेने वाले अधिकारी यदि ‘‘विद्रोह में शामिल होते हैं’’ तो उन पर भविष्य में कार्यालय में शामिल होने पर रोक रहेगी। ट्रंप अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन प्रक्रिया में सबसे आगे हैं। ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय के ‘त्रुटिपूर्ण’ फैसले को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का संकल्प जताया है।
 

निक्की हेली और विवेक रामास्वामी ने दी ये प्रतिक्रिया

ट्रंप मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर और रिपब्लिकन प्राइमरीज में ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी हेली ने कहा कि हम यह कभी नहीं चाहेंगे कि न्यायाधीश ये तय करें कि राष्ट्रपति पद की दौड़ में कौन शामिल हो सकता है और कौन नहीं। हेली ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनने की जरूरत है। मुझे लगता है कि मुझे राष्ट्रपति बनने की जरूरत है। मुझे लगता है कि यह देश के लिए अच्छा है।’’ राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के सबंध में उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं उन्हें (ट्रंप) निष्पक्ष तरीके से हराना चाहूंगी। हमें ये निर्णय लेने के लिए न्यायाधीशों की आवश्यकता नहीं है। हमें ये निर्णय लेने के लिए मतदाताओं की आवश्यकता है।
 
’’ वहीं, 38 वर्षीय रामास्वामी ने ट्रंप की उम्मीदवारी की पात्रता बहाल होने तक कोलोराडो रिपब्लिकन पार्टी के ‘प्राइमरी बैलेट’ से हटने का संकल्प जताया। रामास्वामी ने ‘एक्स’ पर रिपब्लिकन पार्टी के अन्य सदस्यों से भी यही रुख अपनाने का आह्वान किया। ​ (भाषा) 
 

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