Sunday, May 05, 2024
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आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश पर पहली बार आया पीएम मोदी का बयान, अमेरिका के आरोपों पर कही ये बात

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में कथित हत्या की कोशिश का आरोप भारत पर लगने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यह कहा कि अगर कोई इस बारे में हमें सूचना देता है तो भारत इस पर गौर करेगा। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 20, 2023 18:08 IST
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री। - India TV Hindi
Image Source : AP नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सिख अलगाववादी को निशाना बनाने की नाकाम साजिश का संबंध भारत से होने को लेकर अमेरिका के आरोपों पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है और अगर कोई सूचना देता है तो वह इस पर गौर करेगा। ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय मजबूत समर्थन है और कुछ घटनाओं को राजनयिक संबंधों से जोड़ा जाना उचित नहीं है। मोदी ने कहा, ‘‘अगर कोई हमें कोई सूचना देता है तो हम निश्चित तौर पर उस पर गौर करेंगे।
 
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।’’ अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि निखिल गुप्ता नाम का व्यक्ति सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नुन की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ काम कर रहा था। पन्नुन के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। भारत ने आरोपों की जांच के लिए पहले ही एक जांच समिति का गठन कर दिया है। साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि भारत ‘विदेशों में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों को लेकर बहुत चिंतित’ है।
 

चरमपंथी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में कर रहे भारत के खिलाफ काम

पीएम मोदी ने यह भी कहा, ‘‘ये तत्व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं।’’ साथ ही मोदी ने कहा, ‘‘इस संबंध को प्रगाढ़ करने के लिए मजबूत द्विपक्षीय समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का स्पष्ट संकेतक है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों से जोड़ा जाना उचित है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा, व्यापार, निवेश, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस तथ्य को स्वीकार करने की जरूरत है कि हम बहुपक्षवाद के युग में रह रहे हैं।’
 

भारत-अमेरिका की दोस्ती है नए मुकाम पर

भारत पर यह आरोप ऐसे वक्त में लगा है, जब दोनों देशों की दोस्ती नए मुकाम पर है। पीएम मोदी ने कहा कि  ‘‘दुनिया आपस में जुड़ी हुई है और एक-दूसरे पर निर्भर भी है। यह वास्तविकता हमें यह मानने के लिए मजबूर करती है कि सभी मामलों पर पूर्ण समझौता सहयोग के लिए एक शर्त नहीं हो सकता।’’ दोनों पक्ष अब ‘इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी)’ के तहत सेमीकंडक्टर्स, अगली पीढ़ी के दूरसंचार, कृत्रिम मेधा और रक्षा सहित सात विशिष्ट उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी खाके पर काम कर रहे हैं। मोदी ने जून में वाशिंगटन का दौरा किया था जिससे दोनों पक्षों के बीच संबंधों में नई गति आई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था । इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए मोदी के साथ व्यापक बातचीत की थी।
 

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